बाल भारती स्कूल में रीवा एसपी की जागरूकता पाठशाला: बच्चों को दी साइबर सुरक्षा, ट्रैफिक नियमों और नशा मुक्ति की सीख

रीवा। गुरुवार को बाल भारती स्कूल में रीवा पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे, जहाँ विद्यार्थियों के लिए विशेष जागरूकता पाठशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा, डायल 112, यातायात नियमों, मुस्कान अभियान तथा नशा मुक्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जानकारी दी गई। बच्चों में बढ़ते डिजिटल उपयोग, सड़क सुरक्षा और नशा से जुड़े खतरे को देखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत साइबर सुरक्षा सत्र से हुई। एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के बीच बच्चों को सुरक्षित रहने के उपाय समझाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया में अनजान लिंक, संदिग्ध मैसेज और ओटीपी शेयर करना सबसे बड़े खतरे हैं। कई बार बच्चे बिना सोचे-समझे किसी गेम, ऑफर या लिंक पर क्लिक कर देते हैं, जिससे उनके बैंक विवरण और व्यक्तिगत जानकारी चोरों तक पहुंच जाती है। उन्होंने विद्यार्थियों को चेताया कि “कोई भी व्यक्ति फोन करके बैंक, एटीएम या ओटीपी नहीं मांगता। ऐसा कॉल आए तो तुरंत काट दें और शिकायत दर्ज कराएं।”
ऑनलाइन ठगी की स्थिति में 1930 हेल्पलाइन की उपयोगिता समझाते हुए उन्होंने कहा कि समय पर सूचना देने से पैसे की रिकवरी की संभावना सबसे अधिक रहती है।

इसके बाद एसपी ने यातायात नियमों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज के समय में सड़क दुर्घटनाएं सिर्फ लापरवाही का परिणाम हैं। सीट बेल्ट और हेल्मेट का उपयोग जीवन रक्षा का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है, जिसे कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने साफ कहा कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना न केवल अवैध है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है। अभिभावकों से भी अपील की गई कि वे अपने बच्चों को वाहन न सौंपें। नशे में ड्राइविंग को सड़क हादसों का प्रमुख कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि “एक गलती पूरी जिंदगी बदल सकती है।”
कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों ने इंटरनेट उपयोग, मोबाइल गेम्स की लत, अनजान लोगों से चैटिंग, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होने वाले खतरों को लेकर कई सवाल पूछे। पुलिस टीम ने सभी प्रश्नों का सरल और समझ योग्य भाषा में जवाब दिया। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि इंटरनेट का उपयोग ज्ञान बढ़ाने के लिए करें, न कि जोखिम भरी गतिविधियों में शामिल होने के लिए।
नशा मुक्त रीवा अभियान के अंतर्गत एसपी शैलेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों को नशा त्यागने एवं समाज को नशा मुक्त बनाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि नशा न केवल शरीर और मन को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि परिवार और समाज की व्यवस्था को भी प्रभावित करता है। किशोरावस्था में नशे की ओर बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए उन्होंने छात्रों को मित्रों और आसपास के लोगों को भी इस बुरी आदत से दूर रहने की प्रेरणा देने की बात कही।
स्कूल प्राचार्य ने रीवा पुलिस की पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में सामाजिक जिम्मेदारी, कानून के प्रति जागरूकता और सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाने में अत्यंत सहायक होते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी पुलिस विभाग इसी प्रकार विद्यार्थियों के लिए सार्थक पहल करता रहेगा।
कार्यक्रम का समापन मुस्कान अभियान के संदेश और “नशा मुक्त रीवा – हमारा सपना” के सामूहिक नारे के साथ हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने भी संकल्प लिया कि वे स्वयं सुरक्षित रहेंगे और समाज को भी सुरक्षित बनाने में योगदान देंगे।





