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Rewa corex news. कबाड़ी मोहल्ले में कोरेक्स का कबाड़, कौन होगा जिम्मेदार! टी आई का ड्राईवर बनाता है प्रति व्यक्ति सांठ गांठ 

थानों से स्थानांतरित पुलिसकर्मियों की अब तक जारी है कमाई, लेते हैं मोटी रकम 

dainikmediaauditor. नशीली कफ सिरप यानी कोरेक्स जिसे आमतौर पर लोग खांसी की दवाई के रूप में लेते हैं मगर रीवा में इसका प्रचलन नशे के रूप में हो गया है जिसके कारण जिला प्रशासन ने यहां की मेडिकल दुकानों में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है मगर नशे के शौकीन लोग जब मेडिकल दुकानों में इसे प्राप्त नहीं कर सके तो खुद ही कोरेक्स के सौदागर बन अवैध तरीके से इस नशीली सिरप की बिक्री करना शुरू कर दिया और अब रीवा के कुछ चुनिंदा इलाके कोरेक्स के ब्लैक मार्केट का गढ़ बने हुए हैं जिसमें शहर के सिविल लाइन और सिटी कोतवाली थाने के मध्य में स्थिति कबाड़ी मोहल्ला भी शामिल है। यहां पर वर्षों से कोरेक्स की गंदगी फल फूल रही है परंतु इस गंदगी को साफ करने में अब तक जिम्मेदार प्रशासन नाकामयाब ही साबित हुआ है। जिसके चलते रीवा जिले का बच्चा बच्चा अवैध तरीके से मिल रही इस सिरप का सेवन कर नशे का आदी बन रहा है। 

कोरेक्स की गंदगी में गोते लगा रहे सेटिंगबाज : एक ओर जहां कबाड़ी मोहल्ला नशीली सिरप के अवैध कारोबार का मुख्य केंद्र बिंदु बना हुआ है वहीं कबाड़ी मोहल्ले में पनप रही इस गंदगी में राजनेता के साथ ही कुछ चुनिंदा पुलिसकर्मी और कथित पत्रकार भी गोते लगा रहे हैं वहीं भाजपा, कांग्रेस के नेताओं का संरक्षण प्राप्त कर यहां के लोग लगातार कोरेक्स का गोरखधंधा समूचे जिले में प्रसारित कर रहे हैं। जिसके चलते पुलिस भी इस गंदगी को साफ करने से बचती रहती है क्योंकि अगर पुलिस की टीम कोई कार्यवाही करे तो राजनेताओ और कथित पत्रकारों के द्वारा उसमें भी अपनी राजनीति डालने में कोई कमी नहीं की जाती। 

दो थानों के फेर में फंसे इलाके का फायदा उठा रहे कारोबारी : शहर के हृदय स्थल जय स्तंभ चौक पर स्थित कबाड़ी मोहल्ले में कोरेक्स का मुख्य कारोबार किया जाता है जहां पुलिस, पत्रकार, समाजसेवी और राजनेताओं की सरपरस्ती में अवैध कफ सिरप की बिक्री की जाती है मगर इस अवैध कारोबार पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाती इसका मुख्य कारण निकलकर सामने आया है इस इलाके का 2 थानों के बीच में स्थित होना। सिटी कोतवाली और सिविल लाइन थाने यह दोनों ही थाने कबाड़ी मोहल्ला इलाके में आते हैं और दोनों ही थानों के प्रभारी इसी फेर में फंसकर कार्यवाही से कतराते हैं। जिसमें सेटिंगबाज लोग मलाई छानते तथा एक व्यक्ति मासिक रूप से यहां लाखों की कमाई करता है 

सिविल लाइन पुलिस की 6 महीने की कार्यवाही : दरअसल जिस थाना क्षेत्र में इस तरह के अवैध कारोबार का संचालन होता है वहां की पुलिस पर अक्सर ही कार्यवाही का दबाव भी होता है इसके चलते पिछले 6 महीनों में सिविल लाइन थाना की पुलिस ने कार्यवाहियां तो बहुत की मगर पुलिस की कार्यवाही का भी कोई असर नहीं हुआ और कार्यवाहियों के बावजूद राजनैतिक रसूख के चलते इस इलाके में कारोबार की वृद्धि हो रही है। तथा सेटिंगबाज मासिक आमदनी के लिए कारोबार संचालित करा रहे हैं। विश्वनीय सूत्रों की माने तो इन दिनों टी आई साहब के ड्राइवर कबाड़ी मोहल्ले के मुख्य सेटिंगबाज निकलकर सामने आए वहीं अनूप नामक व्यक्ति तमाम उच्च स्तरीय पत्रकारों और पुलिस के दलालों को पैसे पहुंचाने का काम कर रहा है जानकारी तो यह भी निकल कर सामने आई है कि सिविल लाइन और कोतवाली थाने में पूर्व में तैनात रह चुका स्टाफ भी यहां की मलाई से खुद को किनारे नहीं कर पाया तथा आज भी कई पूर्व के स्थानांतरित कर्मचारी अपनी मासिक तनख्वाह लेने पहुंच जाया करते हैं। 

सिविल लाइन थाने के कप्तान कमलेश्वर साहू की माने तो उन्होंने पिछले 6 महीनों में करीब 10 बार कबाड़ी मोहल्ले के कोरेक्स में वार किया जिसमें हर बार उन्हें करीब 100 से 200 सीसी से ज्यादा ही कोरेक्स बरामदी में मिली है और उन्होंने प्रत्येक आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की है बावजूद इसके अब तक कबाड़ी मोहल्ले में कोरेक्स बिक्री का संचालन बंद नहीं हुआ और तेजी के साथ आज भी बिक्री जारी है। हालांकि पुलिस का मानना यह भी है कि कई बार उनकी कार्यवाही में राजनेता और कथित पत्रकार रोड़ा बनकर सामने आ जाते हैं जिसके चलते उन्हें कार्यवाही करने में दिक्कत होती है। वहीं कुछ स्टाफ की सेटिंग के भी मामले उजागर हुए हैं। 

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