छत्तीसगढ

रायपुर के अस्पताल भगवान भरोसे: कहीं एक्सपायर्ड सिलेंडर तो कहीं जर्जर फायर फाइटर सिस्टम

झांसी, उत्तर प्रदेश में एक अस्पताल में आग लगने की घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत और कई बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या छत्तीसगढ़ के अस्पताल ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं? खासकर राजधानी रायपुर के अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्या व्यवस्था है?

भाटगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मिले एक्सपायर्ड सिलेंडर

रायपुर के भाटगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ तो देखने को मिली, लेकिन जब सुरक्षा इंतजामों की जांच की गई, तो पता चला कि आग से निपटने के लिए लगाए गए सिलेंडर पहले ही एक्सपायर्ड हो चुके हैं। जुलाई महीने में इन सिलेंडरों की वैधता खत्म हो चुकी थी, लेकिन इन्हें बदलने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

जब अस्पताल के डॉक्टर अमोल उपाध्याय से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
“अस्पताल में मौजूद फायर सिलेंडर एक्सपायर्ड हैं, इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुकी है। लगातार पत्राचार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में नए फायर सिलेंडर लगाए जाएंगे।”

भीमराव अंबेडकर अस्पताल की भी बदहाल स्थिति

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल, डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में कुछ दिन पहले ही ट्रॉमा सेंटर में आग की घटना हुई थी। बावजूद इसके, यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। 12 साल पहले 3 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल में फायर फाइटर सिस्टम लगाया गया था, लेकिन देखरेख और ऑडिट की कमी के कारण पाइपलाइन जंग खा चुकी है और नोजल पूरी तरह जाम हो चुके हैं।

रायपुर के अस्पताल भगवान भरोसे: कहीं एक्सपायर्ड सिलेंडर तो कहीं जर्जर फायर फाइटर सिस्टम

बाल वार्ड और स्त्री रोग विभाग के बाहर लटके एक्सपायर्ड सिलेंडर किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। यहां अक्सर भीड़ लगी रहती है, जिससे किसी घटना की स्थिति में भगदड़ मचने का खतरा बना रहता है।

फायर फाइटर सिस्टम की खराब स्थिति

अस्पताल में फायर फाइटर सिस्टम तो स्थापित है, लेकिन इसके संचालन के लिए कोई तकनीशियन नियुक्त नहीं किया गया है। कुछ साल पहले तक फायर सिस्टम का रखरखाव कॉन्ट्रैक्ट पर हो रहा था, लेकिन अब वह भी बंद है। पिछले कई सालों से फायर फाइटर सिस्टम का कोई ऑडिट नहीं हुआ, जिससे यह पूरी तरह से खराब हो चुका है।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है,
“नए फायर सिलेंडर धीरे-धीरे लगाए जा रहे हैं और जल्द ही फायर फाइटर सिस्टम को ठीक करने का काम शुरू होगा।”

स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में स्थिति चिंताजनक

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा क्षेत्र के खारगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी हालात गंभीर हैं। यहां अस्पताल में लगे फायर सिलेंडर एक साल पहले ही एक्सपायर हो चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का कहना है,
“सिलेंडर समय-समय पर एक्सपायर होते रहते हैं। जहां जरूरत है, वहां नए सिलेंडर लगाए जा रहे हैं और जहां सिलेंडर एक्सपायर हो चुके हैं, उन्हें जल्द ही बदला जाएगा।”

झांसी की घटना से सबक लेते हुए रायपुर के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है। फायर फाइटर सिस्टम और सिलेंडरों की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए समय रहते कदम उठाना अनिवार्य है, ताकि मरीजों और उनके परिजनों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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