रेल मंत्री का बयान – रेलवे में 5 लाख नौकरियां, 1 लाख की भर्ती प्रक्रिया जारी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष से रेलवे और रक्षा के मामलों में राजनीति से दूर रहने और भ्रामक बयानों से बचने की सलाह दी है। उन्होंने दावा किया कि पिछले दस वर्षों में रेलवे में पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है और वर्तमान में एक लाख लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
रेलवे और रक्षा की भूमिका पर जोर
मंत्री वैष्णव ने कहा कि रक्षा और रेलवे देश की जीवनरेखा और रीढ़ की हड्डी हैं। सोमवार को राज्यसभा में रेलवे मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। विपक्ष का कहना था कि रेलवे में नियुक्तियां नहीं हो रही हैं, जिस पर वैष्णव ने इसे भ्रामक करार दिया।
रेलवे किराया अन्य देशों के मुकाबले कम
रेल मंत्री ने यह भी दावा किया कि भारत में रेलवे किराया पड़ोसी देशों के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम पहले 350 किलोमीटर की यात्रा की बात करें, तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया सिर्फ 121 रुपये है, जबकि पाकिस्तान में यह 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है। वैष्णव ने बताया कि पश्चिमी देशों में भारत की तुलना में रेलवे किराया 10 से 20 गुना अधिक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 के बाद से रेलवे किराये में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
रेलवे के कई उपलब्धियां
रेल मंत्री ने रेलवे के कई उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेलवे केवल चीन और अमेरिका से पीछे है, और जल्द ही यह 1.6 बिलियन टन की माल ढुलाई क्षमता के साथ टॉप तीन देशों में शामिल हो जाएगा। वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सामान्य कोचों की संख्या घटाने और किराए में वृद्धि के आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई से आय करता है और यात्रियों को सब्सिडी देता है।
रेलवे का यात्री सब्सिडी और कोचों का विस्तार
उन्होंने यह भी कहा कि प्रति यात्री लागत 1.38 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि यात्रियों से केवल 72 पैसे ही लिए जाते हैं। 2023-24 में लगभग 57 हजार करोड़ रुपये यात्री सब्सिडी के रूप में दिये गए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि साधारण जनता के हित में अनारक्षित और गैर-एसी कोचों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में गैर-एसी और एसी कोचों का अनुपात 70:30 है।
17 हजार नए कोच तैयार कर रहा रेलवे
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे 17 हजार नए गैर-एसी कोचों का निर्माण कर रहा है, जो विभिन्न ट्रेनों में उपयोग किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारों से मदद मांगी है ताकि विपक्ष-शासित राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जा सके।
रेलवे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता
रेल मंत्री ने रेलवे भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए इसे पूरी तरह पारदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे के कार्यबल का 40 प्रतिशत हिस्सा युवा है। वर्तमान में रेलवे में कुल 12 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से पांच लाख कर्मचारियों की नियुक्ति पिछले दस वर्षों में की गई है।
भारत कर रहा है लोकोमोटिव का निर्यात
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि मधौरा फैक्ट्री (बिहार) में बने लोकोमोटिव्स का निर्यात जल्द शुरू होने वाला है। इस साल 1400 लोकोमोटिव्स का निर्माण हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। इसके अलावा, यात्री कोच बांगलादेश और श्रीलंका को निर्यात किए जा रहे हैं।
लोकोमोटिव्स और बोगी के निर्यात की योजना
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि लोकोमोटिव्स श्रीलंका, म्यांमार और बांगलादेश को भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही, बोगी अंडर-फ्रेम्स का निर्यात संयुक्त राज्य, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को किया जा रहा है। प्रोपल्शन पार्ट्स का निर्यात फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को किया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी तरफ से रेलवे के विकास और सफलता की कई महत्वपूर्ण बातों को उजागर किया है। उन्होंने यह साफ किया कि रेलवे में रोजगार, सब्सिडी और विकास के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे का किराया पड़ोसी देशों और पश्चिमी देशों के मुकाबले काफी कम है, जिससे भारत की रेलवे प्रणाली का लाभ आम जनता को मिल रहा है। इसके साथ ही, रेलवे द्वारा किए गए निर्यात और माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि से यह साबित होता है कि भारतीय रेलवे वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।