राहुल गांधी का गुस्सा: “क्या यह आपकी सुरक्षा है?” जब डीएम के सामने फोन नहीं उठाया गया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक के दौरान गुस्से में आकर जिला मजिस्ट्रेट (DM) हरषिता माथुर से सवाल किया कि “क्या यह आपकी सुरक्षा है?”, जब उन्होंने अपनी मोबाइल पर हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल किया लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। इस घटना ने ना केवल राहुल गांधी को गुस्से में किया, बल्कि यह मुद्दा भी उठाया कि क्या महिला सुरक्षा के मामलों में सरकारी तंत्र इतना लापरवाह है कि एक सांसद का कॉल तक रिसीव नहीं किया जाता है।
डीआईएसएचए की बैठक में शामिल हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपनी संसदीय क्षेत्र रायबरेली में स्थित सेविंग्स भवन में आयोजित डिसा (DISHA) समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मुख्य रूप से महिलाओं की सुरक्षा और अन्य विकास योजनाओं पर चर्चा हो रही थी। बैठक में जिला मजिस्ट्रेट (DM) हरषिता माथुर ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया और हेल्पलाइन नंबर 181 के बारे में जानकारी दी।
लेकिन जब राहुल गांधी ने खुद इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, तो वह नंबर नहीं उठाया गया। राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए कहा, “क्या यह आपकी सुरक्षा व्यवस्था है?” इस पर उन्होंने डीएम से यह सवाल किया कि जब एक सांसद का फोन तक नहीं उठाया जाता है, तो यह किस प्रकार की व्यवस्था है? राहुल गांधी ने इस मामले को उठाते हुए न केवल डीएम से सवाल पूछा बल्कि सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए।
महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
बैठक के दौरान, जिला मजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को बताया कि 1 अप्रैल 2022 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक, हेल्पलाइन नंबर 181 पर कुल 74 मामले आए थे, जिनका समाधान किया गया था। यह हेल्पलाइन महिला सुरक्षा से संबंधित मामलों के लिए बनाई गई है। हालांकि, जब राहुल गांधी ने इस पर खुद कॉल किया, तो उसे रिसीव नहीं किया गया, जिससे उनके मन में यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि क्या यह व्यवस्था वास्तव में प्रभावी है?
राहुल गांधी का गुस्सा यह दिखाता है कि उन्हें सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर भरोसा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि एक सांसद का फोन नहीं उठाया जाता है तो आम जनता का क्या हाल होता होगा। राहुल गांधी का यह गुस्सा सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं थी, बल्कि यह पूरे सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, खासकर जब बात महिला सुरक्षा जैसी संवेदनशील समस्या की हो।
राहुल गांधी द्वारा पीएमजीएसवाई सड़कों का उद्घाटन
बैठक के बाद, राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत नई सड़कों का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने डिग्री कॉलेज चौक पर शहीद चौक का उद्घाटन भी किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह उद्घाटन समारोह उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि रायबरेली में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर उनकी प्राथमिकताएं हमेशा से रही हैं।
पंकज तिवारी का बयान
इस घटना पर रायबरेली जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि डिसा के अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल किया था, लेकिन जब कॉल का जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट से सवाल पूछा कि क्या यह सरकार की व्यवस्था है। तिवारी ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि अगर इस तरह की समस्याएं उच्च स्तर पर हो रही हैं तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
क्या है हेल्पलाइन नंबर 181?
हेल्पलाइन नंबर 181 महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा, उत्पीड़न, और अन्य सुरक्षा संबंधित समस्याओं के लिए स्थापित किया गया है। इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में सीधे प्रशासन को सूचित कर सकती हैं। इसे महिला सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है, लेकिन राहुल गांधी की यह घटना यह दर्शाती है कि इस हेल्पलाइन के कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।
सरकारी तंत्र की आलोचना
राहुल गांधी ने जिस तरह से इस घटना को उठाया, उससे यह साफ है कि वह सरकारी तंत्र की कार्यशैली से नाखुश हैं। उनका यह सवाल कि “क्या यह आपकी सुरक्षा है?” यह दर्शाता है कि सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए जो सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है, वह सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है। इसके साथ ही, इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि जब एक सांसद तक की कॉल का जवाब नहीं मिलता, तो आम जनता को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा।