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Pakistan SCO Summit: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जयशंकर का स्वागत किया, भारत-पाक संबंधों में तनाव के बीच हो रही है बैठक

Pakistan SCO Summit: एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ द्वारा स्वागत किया गया। यह मुलाकात पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हो रही 23वीं एससीओ शिखर बैठक के अवसर पर हुई, जहां व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जयशंकर मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे और एससीओ की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम शरीफ ने किया स्वागत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच एक संक्षिप्त बातचीत हुई और हाथ मिलाया गया। यह पहली बार है कि पिछले नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से कश्मीर मुद्दे और आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, फिर भी इस बैठक के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों में कुछ सकारात्मक संकेत देखने की उम्मीद है।

Pakistan SCO Summit: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जयशंकर का स्वागत किया, भारत-पाक संबंधों में तनाव के बीच हो रही है बैठक

आज मुख्य सम्मेलन

आज यानी बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 23वीं सरकार प्रमुखों की परिषद (CHG) की बैठक होनी है। यह सम्मेलन इस्लामाबाद में हो रहा है और पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है। एससीओ के इस वार्षिक शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। एससीओ का यह शिखर सम्मेलन सदस्य देशों के लिए व्यापार, निवेश, और आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श का प्रमुख मंच है। भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इसमें हिस्सा ले रहे हैं और भारत के विचारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

जयशंकर ने किया रात्रिभोज में हिस्सा

एससीओ शिखर सम्मेलन के पहले दिन मंगलवार की रात को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपने निवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया। इस रात्रिभोज में एससीओ में शामिल विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ डॉ. जयशंकर भी शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री शरीफ और जयशंकर के बीच एक संक्षिप्त मुलाकात हुई, जहां दोनों ने एक-दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की और संवाद किया। इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच नए संवाद की संभावनाओं को बढ़ावा दिया है, भले ही कश्मीर और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच गहरे मतभेद बने हुए हैं।

व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर होगी चर्चा

एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य एजेंडा व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित है। एससीओ सदस्य देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने और आपसी निवेश के अवसरों पर चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने इस सम्मेलन में भाग लेने के दौरान भारत की आर्थिक स्थिति और उसके व्यापारिक हितों को प्रमुखता से उठाया है। भारत एससीओ सदस्य देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और अधिक बढ़ाने के लिए इस मंच का उपयोग कर रहा है।

तनावपूर्ण संबंधों के बीच यात्रा

यह यात्रा खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दा, सीमापार आतंकवाद, और राजनीतिक असहमति के कारण पिछले कुछ सालों में संबंधों में खटास रही है। हालांकि, इस एससीओ बैठक के माध्यम से द्विपक्षीय संवाद के लिए एक नया अवसर पैदा हो सकता है। पाकिस्तान में हाल ही में हुई राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल के बावजूद, यह बैठक एक महत्वपूर्ण मंच है जहां दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा हो सकती है।

एससीओ: क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का मंच

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देना है। इस संगठन में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, और मध्य एशिया के कुछ प्रमुख देश शामिल हैं। यह संगठन क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कार्य करता है। इस बार की बैठक का मुख्य फोकस व्यापार और निवेश से जुड़े मुद्दों पर है, जिसमें विभिन्न देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

भविष्य की संभावनाएं

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीदें हमेशा से जटिल रही हैं, लेकिन ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों के माध्यम से दोनों देशों के बीच संवाद का रास्ता खुल सकता है। भले ही इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर खुलकर चर्चा न हो, लेकिन व्यापार और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत से दोनों देशों के बीच संबंधों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का मौका मिल सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए यह एक अवसर है कि वे अपने मतभेदों को कम करें और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक नई शुरुआत करें।

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