मध्य प्रदेशरीवा

शिक्षा के मार्ग में बाधा, स्कूल और अस्पताल के पास खुली शराब की दुकाने

रीवा। शराब दुकानों के संचालन को लेकर पूर्व से ही कई नियम बनाए गए हैं बावजूद इसके मध्यप्रदेश सरकार ने हालही में लागू हुई नहीं आबकारी नीति में भी नियमों का संशोधन किया है जिसके अतिरिक्त शराब दुकानों का संचालन हाइवे से हटकर होना तथा शराब दुकान की चिकित्सालय और विद्यालय से दूरी की सीमा तय की गई है मगर रीवा शहर में इन तमाम नियमों को ताक पर रखकर आबकारी विभाग के अधिकारियों से मेलजोल बढ़ाते हुए विद्यालय और चिकित्सालय से सटी हुई दुकानें खुली हुई हैं और जिम्मेदार अंजान बने बैठे हैं।

रीवा शहर के नीम चौराहा बोदाबाग़ इलाके पर स्थित एक ऐसी ही दुकान विभाग के अधिकारियों से सांठ गांठ बनकर संचालित की जा रही है जिसमे विद्यालय और चिकित्सालय की दूरी को भी ध्यान नहीं रखा गया तथा कॉन्वेंट स्कूल के सामने ही मदिरा की दुकान खोल दी गई वहीं पास में ही एक निजी अस्पताल भी संचालित हो रहा है। परंतु इसकी जवाबदेही लेने को कोई तैयार नहीं है।

दरअसल रिचमोड साइन ट्रेडर्स एल एल पी नाम की ठेका कंपनी जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार नेता संदीप सिंह पार्टनर हैं और उन्होंने पार्टी नेताओं से सिस्टम बनाकर दुकान का संचालन शुरू कराया हुआ है जिसके कारण विभाग के द्वारा इस दुकान संचालन के नियमों की अनदेखी की जा रही है।

शिक्षा के मार्ग में बाधा, स्कूल और अस्पताल के पास खुली शराब की दुकाने

जानकारी के मुताबिक बोदाबाग इलाके में जिस दारू के दुकान का संचालन नियमों को दरकिनार करके किया जा रहा है उस दुकान से 100 मीटर की दूरी पर ही जिले की प्रतिष्ठित कॉन्वेंट स्कूल भी संचालित हो रही है वहीं शराब दुकान के बगल में ही एक बड़े डॉक्टर के द्वारा अस्पताल का भी संचालन कराया जा रहा है परंतु विद्यालय और चिकित्सालय होने के बाद भी शराब दुकान के संचालक मनमानी तरीके से दुकान का संचालन कर रहे हैं।

आपको बता दें ज्योति किंडर नाम की कॉन्वेंट विद्यालय छोटे छोटे बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से बोदा बाग इलाके के संचालित की जाती है वहीं एक निजी अस्पताल परसोनीया भी शराब दुकान के ठीक बगल में ही संचालित है जिसे बेहतर चिकित्सा के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है परंतु नियमों से हटकर बोदा बाग इलाके के लोगों को दवा दारू और शिक्षा की व्यवस्था साथ में ही कर दी गई है।

मामले पर जानकारी को लेकर जब दैनिक मीडिया ऑडीटर

के प्रतिनिधि ने जिला आबकारी अधिकारी से बात की तो उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि पहले आप शराब दुकान से चिकित्सालय और विद्यालय की दूरी नापकर आए अगर 1 किमी से कम हुई तो देखा जाएगा तब हमने शराब दुकान की दूरी को मापने का काम किया तो पता चला कि अस्पताल और स्कूल की दूरी महज 100 मीटर की ही है। अब ऐसे में इस व्यवस्था पर कौन सा अधिकारी अपनी जवाबदारी तय करेगा यह सोचने का विषय बन जाता है।

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