Nutrition Scam: अधिकारियों पर कमीशन का आरोप, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का खुला विरोध
Nutrition Scam: पोषण वितरण में घोटाला सामने आने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 17 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सीडीपीओ और सुपरवाइजर के निलंबन के बाद, महिला आंगनवाड़ी संघ ने सिकंदरा मेमोरियल में एक बैठक की। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अधिकारी कमीशन की मांग करते हैं, जिसके कारण पोषण बाजार में बेचा जा रहा है। आंगनवाड़ी संघ ने पोषण वितरण का बहिष्कार करने का ऐलान किया और निर्णय लिया कि वे शनिवार को कलेक्टरेट में डीएम को सच्चाई बताएंगे।
भ्रष्टाचार के मामले में जेल में गए लोग
पोषण में भ्रष्टाचार के मामले में अब तक तीन लोगों को जेल भेजा जा चुका है। शुक्रवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खुलकर काला बाज़ारी का पर्दाफाश किया और पोषण वितरण का बहिष्कार करने का ऐलान किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारी उन पर दबाव बनाते हैं। कुछ से 2000 रुपये और कुछ से 3000 रुपये पोषण के बदले में मांगे जाते हैं। जो नहीं देते, उन्हें परेशान किया जाता है और उनके काम में खामियां निकाली जाती हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याएँ
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सरकार से उन्हें केवल 5000 रुपये का मामूली मानदेय मिलता है। उन्हें बच्चों को पढ़ाने से लेकर गर्भवती महिलाओं की देखभाल, प्रसव और चुनावों में बीएलओ ड्यूटी तक हर काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों का कमीशन बंद हो जाए तो पोषण का वितरण ईमानदारी से हो सकता है।
पुलिस द्वारा प्रताड़ना का आरोप
शुक्रवार को 11 निलंबित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सामने आए और बताया कि उनका नै की मंडी की घटना से कोई संबंध नहीं है। फिर भी पुलिस उन्हें बिना वजह परेशान कर रही है। रात में पुलिस पूछताछ के बहाने कई महिलाओं को थाने ले गई और उन्हें प्रताड़ित किया गया। एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने निराश होकर आत्महत्या करने की कोशिश की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर यह स्थिति बनी रही तो वे सामूहिक आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगी। निर्दोष कार्यकर्ताओं की प्रताड़ना बंद होनी चाहिए।
डीएम को दो महीने पहले दी थी चेतावनी
महिला आंगनवाड़ी संघ के राज्य उपाध्यक्ष, दलचंद चौधरी ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दो महीने पहले कलेक्ट्रेट में एक ज्ञापन सौंपा था। उस समय जिला मजिस्ट्रेट को अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दबाव और कमीशन की जानकारी दी गई थी, लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गईं। जब नै की मंडी के गोदाम में पोषण पाया गया, तब कार्रवाई की याद आई। इस मामले में जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। यदि निर्दोष लोगों को परेशान किया गया, तो पूरे राज्य में हड़ताल और आंदोलन किया जाएगा।
शनिवार को डीएम से मुलाकात करेंगे कार्यकर्ता
संघ के कार्यकारी जिला अध्यक्ष मुन्ना मिश्रा ने बताया कि शनिवार को जिले भर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में इकट्ठा होंगे। वे डीएम से मिलेंगे और वास्तविकता से अवगत कराएंगे।
अलबतिया केंद्र पर छाई रही शांति
निलंबित सीडीपीओ विमल चौबे अलबतिया रोड स्थित कार्यालय में बैठते थे। शुक्रवार को वहां सन्नाटा पसरा रहा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वहां उपस्थित थे, लेकिन सभी चुप थे। नै की मंडी के गोदाम में पोषण मिलने पर सीडीपीओ विमल चौबे सबसे पहले डीपीओ आदिश मिश्रा के साथ वहां पहुंचे थे और एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया था। लेकिन, नै की मंडी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।