नोएडा: पुलिस और लुटेरों के बीच मुठभेड़, 4 बदमाश घायल, अवैध हथियार और लाखों की नकदी बरामद

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में चार बदमाश घायल हो गए। पुलिस ने इन सभी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है और घटना स्थल से चार अवैध पिस्तौल बरामद की हैं। साथ ही गौतम बुद्ध नगर की CRT टीम ने बदमाशों के पास से एक ई-रिक्शा, एक जुपिटर स्कूटी और चोरी की एक स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल भी बरामद की है, जिसकी नंबर प्लेट गायब थी। इसके अलावा, पुलिस ने 315 बोर की चार पिस्तौल, उनमें इस्तेमाल होने वाले पांच जिंदा कारतूस और छह खोल भी बरामद किए। पुलिस ने बदमाशों के पास से 2 लाख 5 हजार रुपये और अन्य लूटी गई सामग्री भी बरामद की।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
नोएडा पुलिस के अनुसार, रविवार (29 दिसंबर) को सेक्टर-20 थाना पुलिस और गौतम बुद्ध नगर की SWAT/CRT टीम को सूचना मिली कि बी-11 सेक्टर 30 में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश सेक्टर 18 नोएडा की ओर जा रहे हैं। ये बदमाश डीएनडी (द्वारका नोएडा लिंक रोड) से स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और स्कूटी पर सवार होकर आ रहे थे। इस सूचना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और डीएलएफ तिराहे पर चेकिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने जब चेकिंग शुरू की
जब बदमाशों ने पुलिस को डीएलएफ तिराहे पर देखा, तो वे अंधेरे में नाले की तरफ भागने लगे। पुलिस टीम ने उनका पीछा किया तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सभी बदमाश घायल हो गए। घायल बदमाशों की पहचान अनस, शाहनवाज, समीर और एजाज आलम के रूप में की गई है। इन बदमाशों के पास से लूटी गई सामग्री और 2 लाख 5 हजार रुपये की नकदी, आधार कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि बरामद किए गए। घायल बदमाशों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया और बाकी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
चार बदमाशों की पहचान और उनके बारे में जानकारी
गिरफ्तार किए गए चारों बदमाश बिहार राज्य के निवासी हैं। इनमें से अनस दिल्ली के न्यू आशोक नगर में एक किराए के मकान में रहता था। वह 20 साल का है और बिहार के अररिया जिले का निवासी है। शाहनवाज 22 साल का है और नोएडा के सेक्टर 15 में किराए के मकान में रहता था, वह बिहार के सुपौल का निवासी है। उसके खिलाफ नोएडा में दो मामले दर्ज हैं। तीसरे बदमाश समीर की उम्र 19 साल है और वह भी बिहार के अररिया का निवासी है। वह नोएडा के सेक्टर 16 में रहता था। चौथा बदमाश एजाज आलम 20 साल का है और वह भी अररिया, बिहार का निवासी है। एजाज के खिलाफ नोएडा में चार मामले दर्ज हैं।
मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम
इस मुठभेड़ में कुल 22 पुलिसकर्मियों की टीम शामिल थी। मुठभेड़ का नेतृत्व सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर धर्मप्रकाश शुक्ला ने किया। इसके अलावा, इंस्पेक्टर कैलाश नाथ और सत्यवीर सिंह भी टीम का हिस्सा थे। सब-इंस्पेक्टर लखन सिंह, राहुल शर्मा, जितेंद्र बलियान, शरदकांत, आलोक वर्मा, हरिश्चंद्र पांडेय, भानु प्रताप सिंह, नवीन तोमर भी मुठभेड़ टीम का हिस्सा थे।
हेड कांस्टेबल आदिल, फिरोज, अनुराग कुमार, पंकज शर्मा, प्रवेश कुमार और आशीष मावी ने बदमाशों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांस्टेबल जीत सिंह, आशकिरण, पुष्पेंद्र, प्रियंश शर्मा और कौशिक पराशरी ने भी मुठभेड़ में अहम भूमिका निभाई और बदमाशों को पकड़ा।
बदमाशों के पास से बरामद सामग्री
पुलिस ने बदमाशों के पास से चार अवैध पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस, छह खोल और लूटी गई अन्य सामग्रियों के साथ-साथ दो लाख पांच हजार रुपये भी बरामद किए। इस मामले में गौतम बुद्ध नगर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर बदमाशों को न केवल पकड़ा, बल्कि उनके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और लूटी गई संपत्ति भी बरामद की।
बदमाशों का आपराधिक इतिहास
यह भी सामने आया है कि सभी चार बदमाशों का आपराधिक इतिहास रहा है और वे पहले भी कई लूट और चोरी की घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से यह साबित हुआ है कि अपराधी कहीं भी अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं, लेकिन पुलिस की तत्परता से उनकी योजनाओं पर पानी फिर गया।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
अब पुलिस इन बदमाशों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है। उनका आपराधिक रिकॉर्ड जांचा जा रहा है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन बदमाशों ने पहले किन-किन घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन बदमाशों से जुड़ी अन्य वारदातों के बारे में भी जांच की जाएगी।
नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ से यह साबित होता है कि पुलिस अपनी सतर्कता और तत्परता से अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस मुठभेड़ में पुलिस ने अवैध हथियारों और लूटी गई संपत्ति को बरामद किया, जिससे अपराधियों को कड़ी सजा मिल सकेगी। पुलिस की यह सफलता नोएडा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संकेत है।