छत्तीसगढ

नक्सलियों के लिए नई नीति: आत्मसमर्पण पर मिलेगा घर का प्लॉट और हर महीने 10 हजार रुपये

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक नई नीति बनाई है, जिसमें नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें आकर्षक सुविधाएँ दी जाएंगी। सरकार ने नक्सलियों को डर से नहीं, बल्कि स्नेह और सहानुभूति के साथ अपने घर लौटने का रास्ता दिखाने की कोशिश की है। इस नीति के तहत, नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर वित्तीय सहायता और कई अन्य लाभ मिलेंगे।

आत्मसमर्पण पर मिलने वाली सुविधाएँ

  • हर महीने 10 हजार रुपये
    गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर हर महीने 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। यह राशि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी जाएगी।
  • इनाम की राशि भी दी जाएगी
    आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को उनके ऊपर घोषित इनाम की राशि भी दी जाएगी। अब तक, यह राशि सुरक्षा बलों को दी जाती थी, जो इन नक्सलियों को पकड़ने में सफल होते थे।

भविष्य में बेहतर जीवन के लिए सुविधाएँ

इस नीति का मुख्य उद्देश्य आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के भविष्य को उज्जवल बनाना है।

  • भूमि और मकान
    आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भूमि और मकान जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें।
  • रोजगार से जुड़ी सुविधाएँ
    नक्सलियों को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए उन्हें विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें एक अलग स्थान पर रखकर कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे समाज में अच्छे नागरिक के रूप में खुद को स्थापित कर सकें।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान

विजय शर्मा ने इस नई नीति पर कहा कि यह कदम नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को हर संभव मदद दी जाएगी, ताकि वे अपना जीवन नया सिरे से शुरू कर सकें। इस दौरान, उपमुख्यमंत्री ने एक मजाकिया टिप्पणी करते हुए कहा कि इन लाभों को सुनने के बाद एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुझसे कहा कि इस स्थिति में नक्सली बनना बेहतर है। यह वाक्य उनके सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।

नक्सलियों के लिए नई नीति: आत्मसमर्पण पर मिलेगा घर का प्लॉट और हर महीने 10 हजार रुपये

नक्सलवाद का उन्मूलन: 2026 तक लक्ष्य

केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ने नक्सलवाद के खात्मे को अपनी प्राथमिकता बनाई है।

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान
    हाल ही में छत्तीसगढ़ के दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद पुलिस विभाग ने नक्सलियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई और तेज कर दी है।
  • सुरक्षा बलों द्वारा कार्रवाई
    राज्य पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ बढ़ती कार्रवाई को लेकर कई मुठभेड़ों को अंजाम दिया है। पिछले साल, सुरक्षा बलों ने 212 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया था, जो पिछले पांच सालों में नहीं हुआ था।

आत्मसमर्पण की प्रक्रिया

  • कैसे होगा आत्मसमर्पण?
    इस नीति के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक सरल प्रक्रिया दी जाएगी। उन्हें न सिर्फ वित्तीय सहायता, बल्कि मुख्यधारा में समाहित होने के लिए उचित अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
  • विशेष शिविरों का आयोजन
    आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां उन्हें कौशल विकास के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक मदद भी दी जाएगी, ताकि उनका पुनर्वास सही तरीके से हो सके।

नक्सलवाद से संबंधित समस्याएँ और समाधान

नक्सलवाद एक गंभीर समस्या है, जो न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के कई हिस्सों में फैली हुई है। इसके कारणों में गरीबी, शिक्षा की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी, और शोषण जैसी समस्याएँ शामिल हैं।

  • विकास के अवसर
    नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए विकास के अवसरों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है, जैसे सड़क निर्माण, शिक्षा सुविधाएं, और रोजगार के अवसर प्रदान करना।
  • सामाजिक समरसता की दिशा में कदम
    नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए समाजिक समरसता की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना होगा कि ये लोग समाज में वापस आकर अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।

छत्तीसगढ़ सरकार की यह नई नीति नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का एक सकारात्मक कदम है। इस नीति के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर आर्थिक सहायता, रोजगार, और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सकेगा। सरकार का उद्देश्य नक्सलवाद को समाप्त करना है और इसे 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह नीति न केवल नक्सलियों के लिए एक अवसर है, बल्कि छत्तीसगढ़ और भारत में शांति और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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