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New Delhi रेलवे स्टेशन भगदड़ हादसा, ओवैसी ने की न्यायिक जांच की मांग

New Delhi: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ हादसे में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब हजारों यात्री प्रयागराज जाने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर ट्रेन पकड़ने पहुंचे थे। अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और अफरा-तफरी के कारण भगदड़ मच गई।

हादसे के बाद रेलवे प्रशासन पर उठे सवाल

इस दर्दनाक घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों का आरोप है कि रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। भारी भीड़ के बावजूद रेलवे अधिकारियों ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे, जिसके कारण यह हादसा हुआ।

ओवैसी ने की न्यायिक जांच की मांग

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे एक “टाली जा सकने वाली त्रासदी” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हादसा रेलवे प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी सरकार जो कुछ हुआ उसे छिपाने की कोशिश कर रही है, जबकि इस पर पारदर्शी जांच होनी चाहिए। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। यह एक ऐसी त्रासदी है जिसे रोका जा सकता था।”

ओवैसी की सरकार से दो प्रमुख मांगें

  1. न्यायिक निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) का गठन: ओवैसी ने मांग की कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) गठित किया जाए, जिसकी निगरानी न्यायिक अधिकारियों द्वारा की जाए।
  2. रेलवे की ‘प्रणालीगत विफलताओं’ की स्वतंत्र जांच: उन्होंने रेलवे प्रणाली में मौजूद खामियों और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों की जांच की भी मांग की।

हादसे के चश्मदीदों ने बताई भयावह स्थिति

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रेन पकड़ने के लिए बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफॉर्म पर पहुंचे थे। कई यात्री अपने परिवार के साथ आए थे और उनमें से अधिकांश प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भाग लेने जा रहे थे।

एक चश्मदीद यात्री ने बताया, “हम जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंचे, वैसे ही ट्रेन की घोषणा हुई। सभी लोग जल्दी से ट्रेन में चढ़ना चाहते थे, जिससे अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग गिर गए और बाकी भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। यह बहुत भयानक था।”

रेलवे अधिकारियों ने दी सफाई

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे, लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने से स्थिति बिगड़ गई। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन अचानक भीड़ का दबाव बहुत बढ़ गया। हम इस हादसे की गहराई से जांच कर रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”

मोदी सरकार पर ओवैसी का हमला

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय रेलवे लाखों यात्रियों की जीवनरेखा है और इसे कुप्रबंधन के चलते इस तरह की त्रासदियों का शिकार नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार रेलवे में सुधार करने के दावे तो करती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि जमीनी हकीकत कुछ और है।”

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

इस हादसे को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना पर दुख जताया और कहा कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और केंद्र सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने का मुख्य कारण?

विशेषज्ञों के अनुसार, हाल के दिनों में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। प्रयागराज में महाकुंभ के चलते हजारों श्रद्धालु ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। हालांकि, रेलवे प्रशासन इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैयार नहीं था।

एक रेलवे विशेषज्ञ ने कहा, “स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित प्रबंधन और पर्याप्त पुलिस बल की जरूरत थी, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।”

हादसे से जुड़े कुछ प्रमुख सवाल

  • क्या रेलवे प्रशासन को पहले से अंदाजा नहीं था कि इतनी भीड़ इकट्ठा होगी?
  • स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और रेलवे अधिकारियों की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
  • क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

रेलवे मंत्री ने दिए जांच के आदेश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “यह एक दुखद घटना है और हम मृतकों के परिवारों के साथ खड़े हैं। रेलवे इस मामले की गहराई से जांच करेगा और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

घायलों का इलाज जारी, मुआवजे की घोषणा

घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। रेलवे मंत्रालय ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

क्या सीखा जा सकता है इस हादसे से?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे से रेलवे को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और यात्रियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता है। अगर रेलवे प्रशासन पहले से उचित इंतजाम करता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा है। इस घटना ने रेलवे की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और रेलवे मंत्रालय इस घटना से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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