मध्य प्रदेश

MP News: मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिरों की दयनीय स्थिति, एक गंभीर चिंता

MP News: मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिरों की स्थिति वृंदावन में अत्यंत दयनीय है। ये मंदिर कई वर्षों से स्थानीय निवासियों के कब्जे में हैं, जो इनसे nominal किराया चुकाते हैं। हाल ही में, तीन मंदिरों के साथ संपत्ति का हड़पने का प्रयास किया गया है, जिसके तहत कुछ लोगों ने जून 2024 में इन्हें मथुरा नगर निगम से स्थानांतरित कराया। इस स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार ने इसका विरोध किया है और इस पर सुनवाई चल रही है।

मंदिरों की स्थिति

वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर परिसर हैं, जिनमें रतलाम कुंज, सावत बिहारी कांच मंदिर, श्रवण कुंज, शैलाना कुंज राधाकृष्ण मंदिर, प्रियवल्लभजी क्षिपी गली, दतिया नोहरा और हीरा मोहन सहित अन्य शामिल हैं। इन मंदिरों की स्थिति इतनी खराब है कि इनमें से कुछ कभी भी ढह सकते हैं। इन मंदिरों का प्रबंधन ग्वालियर संभाग के आयुक्त के पास है, जो इनकी देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं।

इतिहास और प्रशासनिक नियंत्रण

जब राजाओं के मंदिरों को सरकार को सौंपा गया, तो ये मंदिर मध्य प्रदेश सरकार के अधीन आ गए। इन्हें ग्वालियर संभाग मुख्यालय के अधीन लाया गया। ग्वालियर संभाग के आयुक्त के पास इन मंदिरों की संपत्ति (देवस्थान प्रणाली) का देखभाल करने का भी दायित्व है, साथ ही आवश्यक नियंत्रण बनाए रखने की भी जिम्मेदारी है। जिन मंदिरों का नाम स्थानांतरण गलत तरीके से किया गया है, उनमें पहले बिजावर राज्य का नाम लगाया गया और फिर मथुरा नगर निगम में इन मंदिर परिसरों का संपत्ति कर चुकाने के बाद नाम स्थानांतरण किया गया।

MP News: मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिरों की दयनीय स्थिति, एक गंभीर चिंता

गलत स्थानांतरण का प्रयास

वृंदावन में इन मंदिरों के नाम स्थानांतरण का प्रयास गलत तरीके से किया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मथुरा जिला प्रशासन से संपर्क किया है और कहा है कि मंदिरों की बेहतर देखरेख के लिए मथुरा जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी को सदस्य बनाया जा सकता है। ग्वालियर के अधिकारियों ने मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट से भी मुलाकात की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया।

कार्रवाई की आवश्यकता

ग्वालियर से कर्मचारियों को वृंदावन भेजा गया है ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। जिले के मजिस्ट्रेट ने मथुरा के PWD विभाग से किराया तय करने को कहा है, लेकिन PWD अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक बड़ा सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है। इस बीच, गलत नाम स्थानांतरण की जानकारी मिलने के बाद ग्वालियर से कर्मचारियों को वृंदावन भेजा गया है।

सरकार की जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह इन मंदिरों की स्थिति को गंभीरता से ले और इनकी मरम्मत एवं रखरखाव की दिशा में ठोस कदम उठाए। धार्मिक स्थलों की देखभाल केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक है।

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