MP News: गुना में एक साथ पांच मौतों से मचा हड़कंप, पुलिस कर रही जांच
मध्य प्रदेश के गुना़ जिले में हाल ही में हुई पांच मौतों ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। राघोगढ़ के दो वार्डों में एक साथ हुई इन मौतों के पीछे की वजह जानने के लिए प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए हैं। लोगों के बीच दहशत का माहौल है, और कई लोग इन मौतों के पीछे दूषित जल आपूर्ति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण
कल राघोगढ़ में वार्ड 5 और 6 में हुई इन पांच मौतों के बाद से पूरे इलाके में तनाव फैल गया। मृतकों में से अधिकांश की हालत अचानक बिगड़ गई थी, जिसमें उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं शामिल थीं। इस घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों ने पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए, खासकर उन कुओं के पानी को, जिनसे उन्हें जल आपूर्ति की जाती है।
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रभावित वार्डों का निरीक्षण किया और वहां के परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं का पता लगाया। स्थानीय नगरपालिका अध्यक्ष विजय कुमार साहू, बीएमओ धर्मेंद्र श्रीवास्तव, और पीएचई एसडीओ निखरा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
प्रशासन की कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन ने समस्या की गहराई को समझते हुए तात्कालिक उपाय किए। एसडीएम ने नगरपालिका अध्यक्ष को निर्देशित किया कि वार्ड को जल आपूर्ति करने वाले सभी टैंकों और कुओं को तुरंत खाली कर साफ किया जाए। इसके अलावा, बीएमओ श्रीवास्तव को दोनों वार्डों में स्वास्थ्य शिविर स्थापित करने का निर्देश दिया गया।
स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना का उद्देश्य लोगों की सेहत की जांच करना और संभावित रूप से दूषित पानी के कारण फैलने वाली बीमारियों को रोकना है। बीएमओ ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले 15 दिनों में पीपेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित भंडारे में कोई खुला सामान नहीं इस्तेमाल किया गया था, जिससे उस भंडारे को इस घटना से जोड़ने का आधार कमज़ोर पड़ता है।
पूर्व मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप
इस मामले की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी मिली। शनिवार को राघोगढ़ के दौरे पर रहे दिग्विजय सिंह ने बाजार का निरीक्षण किया और किसानों से बातचीत की। इस दौरान, उन्होंने एसडीएम आनंद और बीएमओ श्रीवास्तव से वार्ड 5 और 6 में हुई मौतों के बारे में चर्चा की और मामले की जांच करने के निर्देश दिए।
मृतकों के परिजनों से मिलना
एसडीएम आनंद ने सभी अधिकारियों के साथ मिलकर बौड़ी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की। इस दौरान नायब तहसीलदार, एसडीओपी दीपा दुदवे, बीएमओ श्रीवास्तव, पुलिस थाना प्रभारी जूबर खान, सीएमओ हरिप्रसाद जाटव, नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार साहू और संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
रेलवे ट्रैक पर हुई एक और दुर्घटना
इसके अलावा, एक और दुखद घटना भोपाल में हुई है, जहां एक 20 वर्षीय बीबीए छात्र मनराज तोमर की रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर मौत हो गई। रात करीब 3:30 बजे, मनराज अपने दोस्त के साथ ट्रैक पर बैठा था और उसके कानों में हेडफ़ोन लगे थे। उसका दोस्त दूसरी ट्रैक पर था, जिससे उसकी जान बच गई। यह घटना सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही को उजागर करती है, जो अक्सर युवा लोगों के साथ होती है।
गुना़ में हुई ये घटनाएं न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती पेश करती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि जल आपूर्ति के मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दूषित जल के सेवन से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, और इसके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
वहीं, रेलवे सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना भी अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इन समस्याओं का समाधान करने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए उचित उपाय किए जा सकें।
मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा और गुना़ का माहौल सामान्य हो सकेगा।