MP News: बुधनी SDM पर बुजुर्ग के साथ बदसलूकी का आरोप, VHP- bajrang दल ने की हिंसक प्रदर्शन की चेतावनी

MP News: बुधनी तहसील के SDM राधेश्याम बागेल पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा है। यह मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने रैहटी और चाकल्दी बाजारों को बंद करने का आह्वान किया है। इन संगठनों का कहना है कि यदि SDM का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो वे हिंसक प्रदर्शन करेंगे। बुजुर्ग व्यक्ति, जिनका नाम जुगल किशोर सिसोदिया है, आरएसएस के संघ चालक रह चुके हैं।
घटना का विवरण
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक युवक, अमन बादशाह, ने गांव नाहरखेड़ा की एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की। इस घटना के खिलाफ शुक्रवार (20 सितंबर) को बाजार बंद रखा गया। इसके बाद, लोग रैहटी में एक आवेदन जमा करने के लिए इकट्ठा हुए। इसी दौरान, बुधनी SDM राधेश्याम बागेल ने बुजुर्ग जुगल किशोर सिसोदिया के साथ बदसलूकी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें SDM बागेल बुजुर्ग को कहते सुनाई दे रहे हैं, “तुम क्यों बहस कर रहे हो?”
SDM बागेल ने बुजुर्ग को यह भी कहा, “क्यों तुम मेरे पीछे खड़े हो? क्या तुम ज्ञापन देने आए हो या गुंडागर्दी करने? क्या तुम मुझे धमकी दे रहे हो?” जब हिंदू संगठनों के सदस्य ने कहा कि वह बुजुर्ग हैं, तो SDM ने कहा, “यह तुम्हारा बड़ा है। क्या तुम मेरे पीछे खड़े नहीं हो सकते?”
संगठनों की चेतावनी
बजरंग दल के जिला मंत्री राजू जाट, सह-मंत्री कपिल चौहान और कोषाध्यक्ष आशीष शास्त्री ने कहा कि उन्होंने SDM की इस बदसलूकी के खिलाफ बाजार बंद करने का आह्वान किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि SDM का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो वे तीव्र विरोध प्रदर्शन करेंगे। जुगल किशोर, जो कि बुधनी जिले के जिला संघ चालक रहे हैं, ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है कि सरकारी कर्मचारी इस तरह का व्यवहार करें।
छेड़छाड़ की घटना का संदर्भ
इससे पहले, एक युवक, जो एक अलग समुदाय से था, चाकल्दी में एक दुकान पर काम करने वाली लड़की का लगातार उत्पीड़न कर रहा था। उसने कभी उसे मोबाइल पर एसएमएस भेजे, तो कभी फोन करके परेशान किया। दो दिन पहले, आरोपी अपने दो दोस्तों के साथ लड़की को रास्ते में रोककर उसे छेड़छाड़ की।
लड़की ने अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताया और रैहटी पुलिस स्टेशन जाकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता और गांववाले ज्ञापन देने के लिए पहुंचे थे।
प्रशासन की भूमिका
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। जब सरकारी कर्मचारी, जो एक जिम्मेदार पद पर होते हैं, इस तरह से व्यवहार करते हैं, तो यह प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। लोगों का कहना है कि यदि SDM इस तरह का व्यवहार कर सकते हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा?
सामाजिक प्रभाव
इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। संगठनों के नेता और स्थानीय लोग इसे सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं मानते, बल्कि इसे समाज में बढ़ते असमानता और असुरक्षा के संकेत के रूप में देखते हैं। अगर यह स्थिति यथावत रही, तो यह केवल स्थानीय राजनीति में नहीं, बल्कि समग्र सामाजिक ताने-बाने में भी प्रभाव डालेगी।