हाथियों की मौत पर MP सरकार गंभीर, आधी रात को बुलाई आपात बैठक, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। हाथियों की मौत की घटनाओं को लेकर सीएम डॉ. यादव ने देर रात आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई राज्य के वन मंत्री करेंगे। इस टीम को उमरिया जाकर मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी पहलुओं की गहन जांच का आदेश
आपात बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस घटना से संबंधित सभी बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त करने के लिए उच्चस्तरीय टीम को तुरंत उमरिया रवाना किया जाए। उन्होंने आदेश दिया कि सभी पहलुओं की जानकारी लेकर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि वन्यजीवों और जंगलों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हाथियों के पेट में मिले कोदो के दाने
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि हाथियों की मौत के बाद, पोस्टमार्टम के दौरान उनके पेट में बड़ी मात्रा में कोदो (एक प्रकार का अनाज) पाया गया। इस कोदो के नमूनों को वैज्ञानिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि उसमें कोई विषैला पदार्थ तो नहीं है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने में संभवतः चार दिन का समय लगेगा, लेकिन इस घटना की संपूर्ण जानकारी वरिष्ठ स्तर से तुरंत प्राप्त की जानी चाहिए।
जांच टीम का गठन और निर्देश
आपात बैठक में राज्य के वन मंत्री दिलीप अहिरवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) अशोक बर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को टीम का हिस्सा बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे खुद उमरिया जाकर मामले की गहराई से जांच करें और घटनास्थल की हर जानकारी प्राप्त करें। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और सभी संबंधित पक्षों को सचेत और संवेदनशील बने रहना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, चाहे वह इलाज में देरी हो या किसी अन्य प्रकार की प्रबंधन की चूक हो, तो दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला राज्य सरकार के लिए बहुत ही गंभीर है और इसे प्राथमिकता से लिया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा में कोई भी कमी न रहे और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
मुख्यमंत्री के निर्देश और कार्रवाई की रूपरेखा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- उच्चस्तरीय टीम का दौरा: एक उच्चस्तरीय टीम को उमरिया भेजा जाए ताकि घटना के सभी पहलुओं पर गहनता से जानकारी प्राप्त की जा सके।
- तत्काल रिपोर्ट: टीम को उमरिया का दौरा कर 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
- कोदो के नमूनों का परीक्षण: हाथियों के पेट से मिले कोदो के नमूनों का वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसमें कोई विषैला पदार्थ तो नहीं था।
- लापरवाही पर सख्त कार्रवाई: अगर इस घटना में किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- वन विभाग और प्रशासन को सचेत रहना: वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और अन्य सभी संबंधित पक्षों को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सचेत और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
वन्यजीवों की सुरक्षा पर राज्य सरकार का दृष्टिकोण
हाथियों की मौत का यह मामला केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह राज्य की वन्यजीव सुरक्षा और वन संरक्षण की नीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि राज्य सरकार का उद्देश्य वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वन्यजीवों की सुरक्षा में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में और क्या सुधार किए जा सकते हैं।
कोदो में संभावित विषैले तत्व का परीक्षण
हाथियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पेट में मिले कोदो के नमूनों का परीक्षण किया जाएगा। यह जांच यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी कि क्या इस अनाज में कोई विषैला तत्व था, जिसने हाथियों की जान ली। इस परीक्षण के बाद यह साफ हो सकेगा कि इस घटना का असली कारण क्या था और इसे भविष्य में कैसे रोका जा सकता है।
वन्यजीव संरक्षण में सरकार की भूमिका
मध्य प्रदेश की सरकार वन्यजीव संरक्षण और वन संसाधनों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और अन्य वन्यजीव अभयारण्यों में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर कई उपाय किए जाते हैं। लेकिन इस घटना ने वन्यजीव सुरक्षा में कुछ कमजोरियों की ओर इशारा किया है, जिसे सरकार पूरी तत्परता से सुधारने का प्रयास कर रही है।
हाथियों की मौत की घटना ने मध्य प्रदेश सरकार को वन्यजीव संरक्षण के प्रति और अधिक सतर्क और गंभीर बना दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देश और आपात बैठक का आयोजन यह दर्शाता है कि सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। यह घटना केवल हाथियों की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और वन विभाग की जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाती है।
सरकार के इन कड़े कदमों से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक सुधार किए जाएंगे। वन्यजीवों की सुरक्षा और वन संरक्षण को प्राथमिकता देना न केवल राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि यह हर नागरिक का भी कर्तव्य है कि वे वन्यजीवों और उनके आवास की सुरक्षा में योगदान दें।