मध्य प्रदेश

Mockery of education: मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में नशे में धुत शिक्षक का मामला:शिक्षक ने कहा मेरा मोबाइल खो गया है, इसलिए मैंने थोड़ी शराब पी है

Mockery of education: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठाता है। तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें एक सरकारी स्कूल का शिक्षक स्कूल में नशे की हालत में दिखाई दे रहा है। यह घटना उस समय हुई जब प्राथमिक विद्यालय, पुरा गांव में सिर्फ एक ही शिक्षक, अरजुन सिंह, स्कूल पहुंचा। यह मामला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करता है कि ऐसे शिक्षक बच्चों के भविष्य को कैसे संवारेंगे।

नशे में धुत शिक्षक का अजीब तर्क

जब अरजुन सिंह स्कूल में नशे की हालत में पहुंचे, तो गांव वालों ने उनकी वीडियो बना ली। जब उनसे पूछा गया कि वे नशे में क्यों हैं, तो उन्होंने एक अनोखा तर्क दिया। उन्होंने कहा, “मेरा मोबाइल का खो गया है, इसलिए मेरा मन disturbed है। मैंने थोड़ी शराब पी है ताकि मैं अपने दुःख को भुला सकूं।” इस जवाब ने वहां मौजूद सभी लोगों को चौंका दिया। क्या यह शिक्षा का स्तर है, जहां शिक्षक अपने व्यक्तिगत दुखों को भूलने के लिए नशे का सहारा ले रहे हैं?

एकमात्र शिक्षक की जिम्मेदारी

अरजुन सिंह इस सरकारी स्कूल में अकेले शिक्षक हैं। वे न केवल पढ़ाते हैं, बल्कि स्कूल के प्रधानाचार्य भी हैं। पूरे स्कूल की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। यह स्थिति गंभीर है, क्योंकि जब एक ही शिक्षक नशे में स्कूल आता है, तो बच्चों के लिए शिक्षा का क्या महत्व रह जाता है? शिक्षकों की भूमिका न केवल ज्ञान देना होती है, बल्कि वे बच्चों के लिए आदर्श भी होते हैं। जब ऐसा शिक्षक नशे में स्कूल आता है, तो यह बच्चों पर क्या प्रभाव डालता है, यह समझना कठिन नहीं है।

Mockery of education: मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में नशे में धुत शिक्षक का मामला, मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में नशे में धुत शिक्षक का मामला

शिक्षा का मंदिर नशे में

इस घटना से यह सवाल उठता है कि क्या शिक्षा का मंदिर अब नशे का अड्डा बन गया है? ऐसे शिक्षक, जो बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य करते हैं, जब स्वयं नशे में होंगे, तो बच्चों को क्या शिक्षा देंगे? क्या ऐसे शिक्षक बच्चों में नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना विकसित कर पाएंगे? यह सवाल सभी को चिंतित कर रहा है। जब शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे उदाहरण सामने आते हैं, तो यह निश्चित रूप से शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।

जिला शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया

जिला शिक्षा अधिकारी, एसबी सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह बयान महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या कार्रवाई करने से समस्या का समाधान होगा? यह सिर्फ एक शिक्षक का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र की जिम्मेदारी का मामला है। क्या यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ नहीं होंगी?

बच्चों का भविष्य और शिक्षा

जब हम बच्चों के भविष्य की बात करते हैं, तो यह देखना होगा कि क्या ऐसे नशे में धुत शिक्षक बच्चों को सही शिक्षा दे पाएंगे। शिक्षा केवल पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों के समग्र विकास का हिस्सा है। जब शिक्षक खुद सही राह पर नहीं हैं, तो बच्चों को क्या सही दिशा दिखा पाएंगे? यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

समाज की जिम्मेदारी

इस तरह की घटनाएँ सिर्फ शिक्षा तंत्र की नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ और सकारात्मक वातावरण प्रदान करें। हमें न केवल बच्चों को शिक्षा देनी है, बल्कि उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाना भी है। जब समाज में ऐसे शिक्षक होंगे, जो नशे की हालत में पढ़ाएंगे, तो यह बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d