खेल

WTC Final में गरजा मार्कराम का बल्ला, 102 रन की तूफानी पारी ने दिल जीत लिया

दक्षिण अफ्रीका के ओपनर एडन मार्करम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में शानदार शतक जड़ा। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक वह 102 रन बनाकर नाबाद लौटे। उनकी इस पारी के बाद क्रिकेट जगत में उनकी जमकर तारीफ हो रही है। इसी कड़ी में भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी मार्करम की सराहना की है। उन्होंने कहा कि एडन मार्करम की बल्लेबाज़ी उन्हें दिग्गज खिलाड़ी जैक्स कैलिस की याद दिलाती है।

अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए आकाश चोपड़ा ने कहा कि मार्करम ICC पुरुष फाइनल में शतक लगाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इसके अलावा वह WTC फाइनल के इतिहास में शतक जड़ने वाले तीसरे बल्लेबाज भी हैं। चोपड़ा ने खासतौर पर यह भी बताया कि चौथी पारी में शतक लगाने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में जब दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया तो उन्हें लगा यह गलत निर्णय है क्योंकि बाद में स्कोरबोर्ड का दबाव रहेगा। लेकिन मार्करम की पारी ने उस दबाव को छोटा साबित कर दिया। उनका तकनीकी आधार बहुत मजबूत है और वह खेल में जैक्स कैलिस की याद दिलाते हैं।

WTC Final में गरजा मार्कराम का बल्ला, 102 रन की तूफानी पारी ने दिल जीत लिया

T20 से टेस्ट क्रिकेट में आना आसान नहीं

आकाश चोपड़ा ने यह भी बताया कि एडन मार्करम हाल ही में आईपीएल खेलकर आए हैं। मतलब वह पिछले दो महीने से सिर्फ टी20 क्रिकेट खेल रहे थे और उसके तुरंत बाद उन्हें टेस्ट क्रिकेट में उतरना पड़ा। इस तरह छोटे फॉर्मेट से लंबे फॉर्मेट में आना आसान नहीं होता। चोपड़ा ने कहा कि यह बदलाव मानसिक और तकनीकी दोनों ही स्तर पर चुनौतीपूर्ण होता है। आपको टी20 की आदतें छोड़नी पड़ती हैं और पूरी तरह से टेस्ट मोड में आना होता है। लेकिन मार्करम ने यह काम बेहतरीन ढंग से किया।

पहली पारी में जीरो पर आउट होने के बाद भी नहीं टूटा हौसला

चोपड़ा ने यह भी बताया कि एडन मार्करम पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे। यह एक मानसिक झटका होता है और ऊपर से पिच पर नई गेंद से विकेट जल्दी गिर रहे थे। अगर शुरुआती तीन पारियों को देखा जाए तो हर बार नई गेंद से बल्लेबाज जल्दी आउट होते दिखे। लेकिन चौथी पारी में एडन मार्करम ने सकारात्मक सोच के साथ बल्लेबाजी की और नतीजा यह रहा कि उन्होंने शानदार शतक जड़ दिया। उनकी यह पारी न सिर्फ स्कोरबोर्ड के दबाव को कम करने वाली थी बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बन गई है।

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