Rewa news: हत्या के आरोपी को बचाने मनगवां पुलिस ने 90 दिनों तक नहीं दायर की चार्जशीट, 5 लाख के लेन देन का आरोप
रीवा। जिले की मनगवां थाना पुलिस पर 5 लाख रुपए का लेन देन कर महिला की हत्या करने वाले आरोपी को बचाने के आरोप लगे हैं। जिसपर अधिवक्ता शशांक सौरभ सिंह ने डीजीपी से मामले की शिकायत की है। अधिवक्ता शशांक सौरभ सिंह का आरोप है कि दहेज के लोभ में आरोपी सुनील पटेल ने अपनी पत्नी पर फरसा से वार कर उसे मौत के घाट उतारा था तथा घटना के दिन ही पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी भी कर ली थी परंतु गिरफ्तारी के बाद थाना प्रभारी वर्षा सोनकर और मामले की जांच कर रहे थाने में पदस्थ रामानुज बागरी ने आरोपी के परिवार जनों से 5 लाख रुपए का लेन देन कर लिया जिसके कारण थाना प्रभारी वर्षा सोनकर के द्वारा कोर्ट के समक्ष चार्ज शीट पेश करने में देरी की गई जिससे आरोपी को आसानी से जमानत मिल सके और ऐसा हुआ भी कि मनगवां थाना पुलिस ने करीब तीन महीने की अवधि यानी 90 दिनों तक घटना की चार्जशीट नहीं प्रस्तुत की जिसके कारण आरोपी सुनील पटेल को आसानी से जमानत पर रिहा कराया जा सका।
दरअसल जुलाई महीने की 21 तारीख को मनगवां थाना इलाके में आरोपी सुनील पटेल ने अपनी पत्नी प्रिया पटेल की हत्या की थी जिसमें आरोपी ने पहले तो लाठी डंडे से हमला कर महिला को घायल किया था तथा बाद में फरसे का वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया जिसपर मनगवां थाना की पुलिस ने तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी भी कर ली थी परंतु बाद में केस को कमजोर करने के लिए पुलिस ने चार्जशीट पेश करने में हिला हवाली दिखाई और 90 दिनों तक घटना की समस्त जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की जिससे आरोपी को आसानी से जमानत मिल गई और वह रिहा हो गया और अब आरोपी की रिहाई के बाद शिकायतकर्ता अंजलि पटेल के अधिवक्ता शशांक सौरभ सिंह ने मामले पर लापरवाही बरतने वाली मनगवां पुलिस की शिकायत की है।
बताया जा रहा है कि मृतका प्रिया पटेल पर ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा अक्सर दहेज को लेकर दबाव बनाया जाता था जिसके चले मृतका ने पूर्व में महिला थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी परंतु तब महिला थाने की प्रभारी द्वारा आपसी सुलह कराकर मृतका को दोबारा ससुराल भेज दिया गया मगर उसके साथ होने वाले जुर्म कम नहीं हुए तथा लगातार ससुराल पक्ष के लोग महिला के साथ मारपीट करते रहे तथा अंततः उसे पति के द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया बावजूद इसके इस जघन्य अपराध पर अब भी पुलिस के द्वारा पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है जिसके कारण मनगवा थाना पुलिस ने घटना की चार्जशीट पेश करने में भी देरी की और आरोपी को सहजता से जमानत प्राप्त हो गई।
अधिवक्ता शशांक सौरभ सिंह ने मामले पर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए डीजीपी को पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने उल्लेखित किया है कि मनगवां थाने में थाना प्रभारी के तौर पर वर्षा सोनकर और जांच अधिकारी रामानुज बागरी के रहते हुए साक्ष्य को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है तथा उन्हें स्थानांतरित करने की मांग की है।