राष्ट्रीय

महाकुंभ 2025 में डिजिटल नेविगेशन से घात और मंदिर पहुंचेंगे – PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (29 दिसंबर) अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में सभी को नए साल की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह नया साल सभी के लिए खुशियों और समृद्धि से भरा हो।

डिजिटल इंडिया का प्रभाव अब दिखने लगा है

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब डिजिटल इंडिया का प्रभाव पूरे देश में दिखाई देने लगा है। उन्होंने विशेष रूप से महाकुंभ 2025 का उदाहरण देते हुए कहा कि डिजिटल नेविगेशन की मदद से अब श्रद्धालु विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इस डिजिटल नेविगेशन सिस्टम से श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थानों तक भी आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।

कुंभ मेले में AI-powered कैमरे से सुरक्षा

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ 2025 में सुरक्षा और सहायता के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पूरे मेले क्षेत्र को AI-पावर्ड कैमरों से कवर किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार से अलग हो जाता है, तो ये कैमरे उसे ढूंढने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, एक डिजिटल खोया पाया केंद्र की भी सुविधा होगी, जिससे श्रद्धालुओं को खोए हुए सामान या रिश्तेदारों की तलाश करने में मदद मिलेगी।

संविधान के 75 वर्षों का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारतीय संविधान की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 2025 को हमारा संविधान अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। यह संविधान हमारे मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है और भारतीय लोकतंत्र के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि इस साल संविधान दिवस, 26 नवंबर 2024 को, संविधान के अंगीकरण के 75 वर्षों का उत्सव मनाया जाएगा।

संविधान दिवस पर विशेष अभियान

संविधान के 75 वर्षों के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने एक राष्ट्रीय अभियान का आह्वान किया, जिसमें नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना (Preamble) पढ़ने और उस पर अपनी वीडियो साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह अभियान देशवासियों में एकता और गर्व की भावना पैदा करने के लिए है। पीएम मोदी ने कहा कि जब हम संविधान के पन्नों को पलटते हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि यह केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि हमारी एकता, समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों का प्रतीक है।

महाकुंभ 2025 में डिजिटल नेविगेशन से घात और मंदिर पहुंचेंगे - PM मोदी

संविधान का महत्व और भारतीय लोकतंत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। संविधान ने हमें न केवल अधिकार दिए, बल्कि हमारे कर्तव्यों को भी समझाया है। यह हमारे राष्ट्र की विविधता और एकता का प्रतीक है, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान ने भारतीय समाज को न्याय, समानता और स्वतंत्रता के मार्ग पर चलने की दिशा दिखाई है।

देशवासियों के प्रति प्रधानमंत्री का आह्वान

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर उस पर विचार करें और इसे आगामी पीढ़ियों तक पहुँचाने का कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि हम सब मिलकर इस अद्भुत दस्तावेज़ को सम्मानित करें और इसके आदर्शों के अनुसार अपने जीवन को चलाएं।

संविधान की प्रस्तावना को समझना और सम्मानित करना

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को केवल एक दस्तावेज़ के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणा के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें उल्लिखित सिद्धांत हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं। संविधान में जो भी निर्देश दिए गए हैं, वे न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करते हैं, बल्कि हमें समाज में अपनी जिम्मेदारियों को भी समझने का अवसर देते हैं।

संविधान की प्रस्तावना और इसके मूलभूत सिद्धांत

संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित मूलभूत सिद्धांत – न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व – भारतीय लोकतंत्र के आधार हैं। इन सिद्धांतों पर खड़ा हमारा समाज और हमारा राष्ट्र, जो अपनी विविधता में एकता की मिसाल पेश करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान का हर एक शब्द हमारे राष्ट्र की महानता का प्रतीक है और हमें इसे सही अर्थों में समझकर इसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।

संविधान दिवस पर विशेष कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि संविधान के 75 वर्षों की उपलक्ष्य में, भारत सरकार कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इस दौरान नागरिकों को संविधान के महत्व के बारे में और अधिक जानकारी दी जाएगी, साथ ही इसे एक गौरवमयी और ऐतिहासिक अवसर के रूप में मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम में किए गए इस संबोधन ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ की महत्वपूर्णता को उजागर किया और नागरिकों से अपील की कि वे इसे सम्मानित करें। इसके साथ ही, उन्होंने डिजिटल इंडिया की दिशा में किए गए कदमों का भी उल्लेख किया, जिनसे देशवासियों की जीवनशैली में सुधार हो रहा है। कुम्भ मेले में डिजिटल और एआई की मदद से होने वाली सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं ने यह साबित कर दिया है कि तकनीकी प्रगति से समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ मिल सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश देशवासियों के लिए प्रेरणादायक है, जो उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।

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