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Maha Kumbh 2025: निर्मला सीतारमण, तेजस्वी सूर्या संगम में हुए आस्था में लीन

प्रयागराज में आयोजित महा कुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहां लाखों भक्त गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस बार कुंभ में धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति भी इस आयोजन की भव्यता को बढ़ा रही है।

निर्मला सीतारमण ने किया पवित्र स्नान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने परिवार के साथ प्रयागराज पहुंचीं और त्रिवेणी संगम में श्रद्धा की डुबकी लगाई। स्नान के बाद उन्होंने इसे सनातन परंपरा का ऐतिहासिक पर्व बताते हुए अपनी खुशी जाहिर की। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने उनका स्वागत किया और उनके साथ संगम तट पर पूजा-अर्चना भी की। निर्मला सीतारमण ने इस धार्मिक आयोजन को आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक अनमोल अवसर बताया।

तेजस्वी सूर्या बोले- ‘महा कुंभ दुनिया का सबसे भव्य आयोजन’

भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी संगम में स्नान किया। उन्होंने कहा, “आज मुझे सैकड़ों युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के साथ संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह आयोजन अपने आप में एकता और सामूहिकता का प्रतीक है, जहां देश-विदेश से लाखों लोग एक साथ आते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाते हैं।” तेजस्वी सूर्या ने महा कुंभ को विश्व का सबसे भव्य आयोजन बताया और कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

राम मोहन नायडू और श्रीकांत शिंदे ने भी साझा किए अनुभव

केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने महा कुंभ के दिव्य आयोजन को अद्भुत अवसर बताया, जिसे कोई भी अपने जीवन में मिस नहीं करना चाहेगा। उन्होंने कहा कि इस महायज्ञ में भाग लेना एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो जीवनभर याद रहेगा।

शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने इसे 144 वर्षों में एक बार आने वाला दुर्लभ अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने महा कुंभ को धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की प्राचीन परंपराओं का जीवंत प्रमाण है।

महा कुंभ 2025: आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम

महा कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इस आयोजन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं और आत्मिक शांति की अनुभूति प्राप्त करते हैं। महा कुंभ के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, संतों-महात्माओं के प्रवचन, योग शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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इस बार महा कुंभ को और भव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष व्यवस्थाएँ की हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। संगम क्षेत्र को आकर्षक रूप से सजाया गया है और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

महा कुंभ 2025 का महत्व

  1. आध्यात्मिक महत्व – महा कुंभ को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
  2. सांस्कृतिक विरासत – यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है।
  3. सामाजिक एकता – लाखों लोगों की उपस्थिति इसे एकता और भाईचारे का प्रतीक बनाती है।
  4. आर्थिक प्रभाव – महा कुंभ के दौरान व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलता है।

महा कुंभ मेला 2025 एक ऐतिहासिक और अद्वितीय अवसर है, जिसमें आध्यात्मिकता, संस्कृति और श्रद्धा का संगम देखने को मिलता है। इस बार देश की कई प्रतिष्ठित राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया है। श्रद्धालुओं की आस्था और साधु-संतों की तपस्या इस मेले को और भी दिव्य और अलौकिक बनाती है।

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