मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh: बरहा गांव में ट्रैक्टर के नीचे दबने से बच्ची की मौत, पुलिस ने देर से शुरू की जांच

Madhya Pradesh: गोहपरू थाना क्षेत्र के बरहा गांव में एक दुखद घटना सामने आई, जहां एक दो और आधे साल की बच्ची महविश बानो ट्रैक्टर के नीचे दबकर मौत के शिकार हो गई। बच्ची के परिवार के सदस्यों ने तुरंत पुलिस को सूचित करने के बजाय, बिना पुलिस को खबर किए शव को दफनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, गांव के कुछ जागरूक व्यक्तियों की सलाह के बाद पुलिस को सूचित किया गया, और फिर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

घटना का विवरण

बरहा गांव में महविश बानो, जो केवल दो और आधे साल की थी, अपने घर के सामने खड़े ट्रैक्टर पर चढ़ गई थी। उसने ट्रैक्टर की स्टीयरिंग को हिलाना शुरू किया, जिससे ट्रैक्टर न्यूट्रल हो गया और वह आगे की ओर बढ़ने लगा। अचानक बच्ची ट्रैक्टर से गिर गई और ट्रैक्टर का पहिया उसके ऊपर चढ़ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

महविश बानो के दादा ने ट्रैक्टर को बढ़ते हुए देखा और उसे रोकने के लिए दौड़े, लेकिन इस प्रयास में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। घटना के तुरंत बाद बच्ची के परिवार ने यह समझा कि यह एक हादसा था और परिवार के ट्रैक्टर के कारण कोई लापरवाही नहीं थी।

Madhya Pradesh: बरहा गांव में ट्रैक्टर के नीचे दबने से बच्ची की मौत, पुलिस ने देर से शुरू की जांच

परिवार का प्रारंभिक रुख

शुरुआत में परिवार ने बिना पुलिस को सूचित किए बच्ची के शव को दफनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। परिवार का मानना था कि यह एक दुर्घटना थी और इसमें किसी की लापरवाही नहीं थी। लेकिन गांव के कुछ समझदार लोगों ने परिवार को समझाया कि इस घटना की सूचना पुलिस को देना जरूरी है। इसके बाद, परिवार ने बच्ची के शव को अस्पताल ले जाकर पुलिस को सूचित किया।

पुलिस की प्रतिक्रिया

जब परिवार ने शव को अस्पताल भेजा और पुलिस को सूचित किया, तब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। गोहपरू पुलिस थाने के प्रभारी विनय सिंह गहर्वार ने बताया कि रविवार को पुलिस स्टाफ उर्स के कार्यक्रम में व्यस्त था, जिससे उन्हें देर से जानकारी मिली। अस्पताल से सूचना प्राप्त होने के बाद, पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामला दर्ज किया और जांच के लिए आवश्यक कदम उठाए।

प्रशासन की ओर से कदम

इस घटना के बाद, पुलिस और प्रशासन ने अपनी कार्रवाई को तेज किया। स्थानीय लोगों ने इस घटना की गंभीरता को महसूस किया और इस बात पर जोर दिया कि घटनाओं की सूचना समय रहते संबंधित अधिकारियों तक पहुंचनी चाहिए, ताकि उचित कानूनी और प्रशासनिक कदम उठाए जा सकें। हालांकि, घटनास्थल पर पुलिस का देर से पहुंचना एक सवाल खड़ा करता है, खासकर तब जब सूचना पहले ही दी जा चुकी थी।

पुलिस कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया

पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर विभिन्न पहलुओं पर जांच शुरू की, जिसमें ट्रैक्टर के कागजात, वाहन की स्थिति और दुर्घटना के कारणों का अध्ययन किया गया। यह भी देखा गया कि ट्रैक्टर के संचालन में कोई गलती या लापरवाही तो नहीं थी, और क्या यह घटना केवल एक दुर्घटना थी या इसमें कोई और पहलू छिपा हुआ था।

गोहपरू पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने बताया कि घटना के बाद, पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है और अगर जांच में कोई लापरवाही या गलती पाई जाती है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

परिवार के लिए संवेदनाएं और घटनाओं की गंभीरता

यह घटना सिर्फ एक दुखद दुर्घटना नहीं, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि किस तरह से एक छोटी सी लापरवाही या अनजाने में की गई कोई घटना किसी के जीवन को छीन सकती है। महविश बानो की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया है और इसके साथ ही इसने यह सवाल भी खड़ा किया है कि हर दुर्घटना के बाद जिम्मेदारों पर उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।

गांव के कुछ जागरूक व्यक्तियों ने पुलिस को घटना की सूचना देने का महत्व बताया, ताकि मामले की सही जांच हो सके और किसी भी प्रकार की लापरवाही की जांच की जा सके।

इस दुखद घटना से यह सीखने की आवश्यकता है कि जब भी कोई दुर्घटना घटे, चाहे वह किसी परिवार के भीतर हो या बाहर, उसकी सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जानी चाहिए। इससे न सिर्फ जांच की प्रक्रिया में मदद मिलती है, बल्कि यह सुनिश्चित भी किया जाता है कि कोई भी गलती या लापरवाही सजा से बच न सके। पुलिस और प्रशासन की भूमिका इस प्रकार के मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, और उन्हें समय रहते मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।

महविश बानो की मौत ने इस बात को साबित किया कि यह घटना पूरी तरह से एक दुर्घटना थी, लेकिन इसकी सही तरीके से जांच और समय पर रिपोर्टिंग से ही इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।

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