Madhya Pradesh: रीवा में समोसे में मिली मृत छिपकली, 5 साल के बच्चे की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
Madhya Pradesh: रीवा जिले के निकटवर्ती इलाके से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ स्थानीय नागरिकों को हैरान किया है, बल्कि इसने शहर भर में खाने-पीने की सेहतमंद आदतों को लेकर सवाल भी खड़ा कर दिया है। यह घटना तब सामने आई, जब एक 5 साल का बच्चा अपने स्कूल से घर लौटने के बाद समोसा खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गया। जब उसकी मां ने समोसा देखा तो पाया कि उसमें आधी मृत छिपकली मौजूद थी।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार को पंकज शर्मा के बच्चे और उनकी बेटी स्कूल गए थे। पंकज शर्मा अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर गए थे, जहां डॉक्टर से मिलने के बाद वह घर लौटे और बच्चों के लिए समोसा और जलेबी लाए। घर पहुंचने पर, उनका 5 साल का बेटा प्रियांश शर्मा समोसा खाने लगा, लेकिन उसने समोसे का आधा हिस्सा छोड़ दिया और दूसरा समोसा खाने लगा। जब परिवार ने पूछा कि उसने समोसा क्यों छोड़ा तो प्रियांश ने बताया कि वह खराब था। इस पर परिवार के सदस्य ने समोसे को देखा और चौंक गए।
उन्हें समोसे के अंदर एक मृत छिपकली का सिर दिखाई दिया और शरीर का बाकी हिस्सा समोसे के अंदर था। परिवार को शक हुआ कि बच्चे ने समोसे के साथ वह मृत छिपकली का आधा हिस्सा खा लिया होगा।
बच्चे की तबियत बिगड़ी
समोसा खाने के कुछ समय बाद ही बच्चे की तबियत खराब हो गई। पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। डॉक्टरों ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया और उसका इलाज शुरू किया। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि बच्चे को कुछ समय के लिए निगरानी में रखा जाएगा।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की योजना
प्रियांश के परिवार ने बताया कि उन्होंने समोसा और जलेबी ‘सुरेश होटल’ नामक दुकान से खरीदी थी, जो ढेढ़का क्षेत्र में स्थित है। समोसा खाने के बाद बच्चे की तबियत खराब हो गई, जिसके बाद परिवार ने दुकान की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। परिवार के सदस्य ने बताया कि जैसे ही बच्चा ठीक हो जाएगा, वह इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे, ताकि ऐसे खाद्य पदार्थों से दूसरों को बचाया जा सके।
क्या कहा दुकान मालिक ने?
दूसरी ओर, ‘सुरेश होटल’ के मालिक ने इस घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने यह दावा किया कि उनकी दुकान में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं और उन्होंने कभी ऐसी कोई घटना नहीं सुनी थी। दुकान मालिक ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है और वह अपनी दुकान की सफाई और गुणवत्ता पर पूरा ध्यान देते हैं। वह इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराए जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने यह आश्वासन दिया कि वह इस मामले की पूरी जांच करेंगे।
स्वच्छता पर सवाल खड़ा करता मामला
यह घटना साफ तौर पर सड़कों पर बिकने वाले खाने की गुणवत्ता और सफाई पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। जब से यह मामला सामने आया है, तब से शहर के लोग समोसा, चाट, गोलगप्पे और अन्य सड़क खाद्य पदार्थों से बचने की सोच रहे हैं। खाने का सेवन करने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करना जरूरी हो गया है, खासकर जब वह खुले में बिक रहे हों।
सफाई के नाम पर अधिकांश स्ट्रीट फूड स्टॉल्स पर बुनियादी सावधानियां भी नजर नहीं आतीं। यह घटना इसे और भी महत्वपूर्ण बना देती है कि नागरिकों को अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए। इस मामले ने यह साबित कर दिया कि खाना न केवल स्वाद में बल्कि साफ-सफाई में भी महत्वपूर्ण होता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की भूमिका
रीवा नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग को इस घटना के बाद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खाद्य सुरक्षा के मानकों के उल्लंघन की जांच करने के लिए अधिकारियों को कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हो। ऐसे मामलों में सख्त सजा और जुर्माना लगाने से खाद्य व्यवसायों में स्वच्छता और गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
रीवा में हुए इस चौंकाने वाले घटना ने न केवल एक परिवार को दर्द और चिंता में डाला, बल्कि यह अन्य नागरिकों को भी सड़कों पर बिकने वाले खाने से सचेत कर दिया है। यह घटना यह सिखाती है कि किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले उसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। खासकर, जब वह खुले में बिक रहे हों तो अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है। वहीं, इस मामले में परिवार का कहना है कि वे जल्द ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे ताकि आगे इस प्रकार की घटनाओं से किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान न हो।