मध्य प्रदेश कैबिनेट का बड़ा फैसला: महिलाओं को सिविल सेवाओं में अब मिलेगा 35% आरक्षण, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ऐतिहासिक कदम
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने महिलाओं के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य की सिविल सेवाओं में उनके लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। अब महिलाओं को सिविल सेवाओं में 33 प्रतिशत के बजाय 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई।
यह कदम न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि इससे राज्य की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। यह निर्णय राज्य में महिलाओं के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगा और उनके लिए सरकारी नौकरी की संभावनाएं बढ़ाएगा।
चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर भर्ती की आयु सीमा में छूट
कैबिनेट में महिलाओं को आरक्षण बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर पद पर भर्ती की आयु सीमा में भी छूट दी गई है। अब 40 वर्ष की बजाय 50 वर्ष तक के उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन कर सकेंगे। यह निर्णय विशेष रूप से उन उम्मीदवारों के लिए सहायक साबित होगा जो चिकित्सकीय क्षेत्र में अध्यापन कार्य में रुचि रखते हैं और जिनके पास अधिक अनुभव है। इस प्रकार की छूट से राज्य में चिकित्सा शिक्षा का स्तर भी ऊंचा होगा और अनुभवी शिक्षकों की संख्या में वृद्धि होगी।
राज्य में खाद आपूर्ति प्रणाली सुधारने के लिए 254 नकद बिक्री केंद्रों को स्वीकृति
कैबिनेट बैठक में राज्य में खाद आपूर्ति व्यवस्था को और अधिक सुचारु बनाने के लिए 254 नकद बिक्री केंद्र खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध कराई जाएगी। इससे किसानों को समय पर आवश्यक खाद्य पदार्थ मिल पाएंगे, जिससे उनकी फसलों की पैदावार में सुधार होगा और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। यह कदम कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन में नए 660 मेगावाट पावर प्लांट की स्थापना
राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कैबिनेट ने सरनी स्थित सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन के पुराने चार यूनिट्स के स्थान पर नए 660 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। यह परियोजना राज्य में बिजली की आपूर्ति में सुधार करेगी और आम नागरिकों को ऊर्जा आपूर्ति में होने वाली कठिनाइयों से राहत मिलेगी। इससे न केवल ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि राज्य की ऊर्जा आवश्यकता भी पूरी हो सकेगी।
नर्मदापुरम में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन
कैबिनेट ने 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन का भी प्रस्ताव पास किया। इस समिट का उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना है। समिट के माध्यम से राज्य सरकार व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने का प्रयास करेगी। यह समिट राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।
सिंहस्थ वर्ष-2028 की तैयारियों के लिए समिति का गठन
मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ वर्ष 2028 की तैयारियों के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति का उद्देश्य सिंहस्थ के लिए आवश्यक योजनाओं और नीतियों की समीक्षा करना और उनके कार्यान्वयन में समन्वय स्थापित करना है। इस समिति में गृह, ऊर्जा, लोक निर्माण, जल संसाधन, परिवहन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, राजस्व, वित्त, धार्मिक न्यास और बंदोबस्त, संस्कृति और पर्यटन विभाग के अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। नगरीय विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है।
महिलाओं के लिए बढ़ा आरक्षण: सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में एक कदम
मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। सिविल सेवाओं में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण देने से न केवल उन्हें नौकरी के अधिक अवसर प्राप्त होंगे बल्कि समाज में भी उनकी भागीदारी बढ़ेगी। यह कदम उन महिलाओं को प्रोत्साहित करेगा जो सरकारी सेवाओं में आकर समाज के विकास में योगदान देना चाहती हैं। राज्य सरकार का यह फैसला महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
राज्य में विकास की दिशा में नए कदम
मध्य प्रदेश कैबिनेट द्वारा लिए गए इन सभी फैसलों का उद्देश्य राज्य में विकास को गति देना है। चाहे वह ऊर्जा क्षेत्र में सुधार हो, कृषि क्षेत्र में सहूलियतें प्रदान करना हो, या महिलाओं को सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर देना हो, सरकार हर क्षेत्र में राज्य की प्रगति के लिए प्रयासरत है। इन कदमों से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि राज्य के लोगों का जीवन स्तर भी ऊंचा होगा।