Madhya Pradesh: बीजेपी विधायक ने अपनी पार्टी के सदस्यता अभियान पर उठाए सवाल, पार्टी में मचा हंगामा
Madhya Pradesh में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक विधायक ने अपने ही पार्टी के सदस्यता अभियान पर सवाल उठाए हैं, जिससे पार्टी के अंदर बहस छिड़ गई है। विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्वनौ ने सदस्यता अभियान को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में उन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें इस अभियान के लिए एक कॉल आई थी, जिसमें कहा गया था कि सदस्यता संख्या बढ़ाने के लिए पैसे खर्च करने होंगे।
अजय विश्वनौ का बयान
अजय विश्वनौ ने अपने X हैंडल पर लिखा, “अगर आपको बीजेपी का सदस्य बनाना है, तो पैसे खर्च करें। आज मुझे मेरे फोन पर एक कॉल आई थी, जिसमें कहा गया था कि मेरी खाता से बीजेपी के सदस्य बनाने के लिए अनुबंध की आवश्यकता है। जाहिर है कि ऐसी और भी एजेंसियाँ होंगी। अपने सेवा लेकर, बेतुके नेता जो गणेश परिक्रमा कर रहे हैं, संगठन की नजरों में बड़े बनने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “पहले भी मैंने कुछ लोगों को विज्ञापनों के माध्यम से, नेताओं का सम्मान कर, उनका स्वागत करके और अपने घरों में उनकी सेवाएँ देकर नेता बनते देखा है। इस बार यह नया ट्रेंड देखा जा रहा है, जहां लोग पैसे खर्च कर और अपने खाता से सदस्यता संख्या बढ़ाने में लगे हुए हैं। हम पुराने कार्यकर्ता इस गिरावट पर केवल अफसोस ही कर सकते हैं।”
पार्टी की प्रतिक्रिया
अजय विश्वनौ की इस पोस्ट के बाद बीजेपी में हलचल मच गई। पार्टी ने भोपाल और इंदौर क्राइम ब्रांच में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विधायक को मिली कॉल पार्टी को बदनाम करने के लिए एक साजिश का हिस्सा थी। पार्टी ने इस कॉल को करने वाले एक अज्ञात राजनीतिक दल पर आरोप लगाया है, जो उनके सदस्यता अभियान को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।
पार्टी की शिकायत में कहा गया है, “इस नंबर के उपयोगकर्ता या नंबर के असली मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।”
कॉल की जानकारी
शिकायत में यह भी कहा गया है कि विश्वनौ को उसी नंबर से तीन अलग-अलग समय पर कॉल मिली – सुबह 8:53 बजे, 10:10 बजे, और 1:15 बजे। पार्टी की शिकायत में मांग की गई है कि इन कॉल के पीछे के लोगों की पहचान के लिए एक गहन जांच और कानूनी कार्रवाई की जाए।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस घटना ने बीजेपी की सदस्यता अभियान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के भीतर इस प्रकार के विवादों का उठना एक गंभीर चिंता का विषय है। राजनीतिक दलों के लिए सदस्यता अभियान उनकी शक्ति और आधार का माप होता है। यदि इस प्रकार की गतिविधियाँ पार्टी के सदस्यों के बीच विवाद उत्पन्न करती हैं, तो यह न केवल पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि इसके चुनावी प्रदर्शन पर भी असर डाल सकती हैं।
सदस्यों की चिंता
बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं के लिए यह स्थिति निराशाजनक हो सकती है, जो पार्टी के मूल्यों और सिद्धांतों पर विश्वास करते हैं। उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी अपनी सदस्यता वृद्धि की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखे। यदि इस तरह की अनियमितताएँ जारी रहती हैं, तो यह सदस्यों के मन में असंतोष और निराशा पैदा कर सकती हैं।