मध्य प्रदेश

माधव नेशनल पार्क बना ‘माधव टाइगर रिजर्व’, 10 मार्च को होगी बाघिन की रिहाई

मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क को अब टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल गया है। राज्य सरकार ने 7 मार्च को इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी। अब यह पार्क ‘माधव टाइगर रिजर्व’ के नाम से जाना जाएगा। इस अवसर पर 10 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्क में एक बाघिन को छोड़ेंगे। इसके लिए पार्क प्रबंधन तैयारियों में जुटा हुआ है।

अब 9वां टाइगर रिजर्व बना ‘माधव टाइगर रिजर्व’

मध्य प्रदेश में पहले से ही 8 टाइगर रिजर्व थे। अब माधव टाइगर रिजर्व 9वां टाइगर रिजर्व बन गया है। टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद इस पार्क का क्षेत्रफल 375 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 1651 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इसमें 1275 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन भी शामिल किया गया है।

माधव नेशनल पार्क बना ‘माधव टाइगर रिजर्व’, 10 मार्च को होगी बाघिन की रिहाई

टाइगर रिजर्व बनने के बाद सुरक्षा और सुविधाएं बढ़ीं

टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस क्षेत्र की सुरक्षा और सुविधाओं में बड़ा सुधार किया गया है। बाघों की निगरानी के लिए 5 वॉच टावर, 4 हाई मास्ट कैमरे और ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इससे न केवल बाघों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उनके मूवमेंट पर भी नजर रखी जा सकेगी।

पहले छोड़े गए बाघ और नए शावकों की जानकारी

इससे पहले माधव नेशनल पार्क में 3 बाघों को छोड़ा जा चुका है, जिसमें दो शावक भी शामिल थे। अब 10 मार्च को एक और बाघिन को यहां लाया जाएगा। यह बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व से लाई जा रही है। इसके बाद जल्द ही एक नर बाघ को भी माधव टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।

10 मार्च का पूरा कार्यक्रम

10 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी में इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है:

  • दोपहर 4:00 बजे – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शिवपुरी एयरस्ट्रिप पहुंचेंगे।
  • शाम 4:10 बजे – पार्क के बोटिंग क्लब में पहुंचेंगे।
  • शाम 4:25 बजे – वॉच टावर नंबर 16 से बाघिन को जंगल में छोड़ेंगे।
  • शाम 5:15 बजे – अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद ग्वालियर के लिए रवाना होंगे।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

माधव टाइगर रिजर्व बनने से शिवपुरी का पर्यटन और समृद्ध होगा। यह क्षेत्र पहले से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां बाघों की मौजूदगी से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। इससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ा कदम

मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ के रूप में भी जाना जाता है। यहां भारत के सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं। माधव टाइगर रिजर्व का गठन वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके संरक्षण में सहायता मिलेगी।

माधव टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से शिवपुरी में वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन दोनों को मजबूती मिलेगी। 10 मार्च को होने वाली बाघिन की रिहाई इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल होगी। यह कदम मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के रूप में और मजबूत करेगा और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक नई उम्मीद जगाएगा।

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