क्या ये सिर्फ प्रेम विवाह है या कुछ और? दो मुस्लिम युवतियों ने क्यों अपनाया सनातन धर्म?

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से एक अनोखी घटना सामने आई है जिसमें दो मुस्लिम लड़कियों ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म अपनाया और हिंदू युवकों से वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया। यह शादी प्रसिद्ध महादेवगढ़ मंदिर में संपन्न हुई जहां दोनों लड़कियों ने ‘घर वापसी’ करते हुए नए धार्मिक और सामाजिक जीवन की शुरुआत की। जानकारी के अनुसार अमरीन खान जो खंडवा जिले के बेड़ियां गांव की रहने वाली थीं उन्होंने हिंदू धर्म अपनाकर तलबड़िया निवासी शुभम राजपूत से विवाह किया। धर्म परिवर्तन के बाद अब अमरीन का नया नाम ‘अनुष्का’ हो गया है। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की निवासी निशात शेख ने भी सनातन धर्म अपनाकर छत्तीसगढ़ निवासी कमलजीत सिंह से विवाह किया और अब वह ‘मेघना’ बन चुकी हैं।
वैदिक मंत्रों के साथ हुआ विवाह संस्कार
महादेवगढ़ मंदिर में हुए इस वैवाहिक समारोह में दोनों जोड़ियों का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार और हवन विधि के अनुसार पंडितों द्वारा करवाया गया। इस दौरान अमरीन और निशात ने प्रायश्चित हवन किया और भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजन कर पूरी श्रद्धा से सनातन धर्म को अपनाया। विवाह संस्कार में परिजनों के साथ-साथ मंदिर के सेवक और श्रद्धालु भी मौजूद थे। इस मौके पर धार्मिक भावनाएं देखते ही बन रही थीं और दोनों लड़कियों ने अपने नए धर्म को पूरी खुशी और समर्पण के साथ स्वीकार किया।
“इस धर्म में नारी को बहुत सम्मान मिलता है” – मेघना
मेघना यानी पूर्व में निशात शेख ने विवाह के बाद कहा, “मैं महादेवगढ़ आकर ही शादी करना चाहती थी। मैंने अपनी मर्जी से सनातन धर्म स्वीकार किया है। मैं हिंदू परंपराओं और संस्कृति से बहुत प्रभावित हूं। इस धर्म में महिलाओं को बहुत सम्मान मिलता है। यहां राम और सीता जैसे आदर्श हैं। अब मैं ‘मेघना’ बनकर अपने जीवनसाथी कमल के साथ एक नई शुरुआत कर रही हूं।” वहीं अनुष्का (पूर्व में अमरीन) ने बताया कि उन्हें पहले से ही सनातन धर्म में आस्था थी और शुभम राजपूत से मिलने के बाद यह झुकाव और गहरा हो गया। उन्होंने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म छोड़ा और सनातन धर्म अपनाकर शुभम से विवाह किया।
मंदिर प्रमुख का दावा – बढ़ रही है घर वापसी की संख्या
महादेवगढ़ मंदिर के प्रमुख अशोक पालीवाल ने बताया कि इन दोनों लड़कियों ने पूरी श्रद्धा और सहमति से सनातन धर्म स्वीकार किया है और अब वे अनुष्का और मेघना के नाम से जानी जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2025 में अब तक आठ लड़कियां महादेवगढ़ आई हैं जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर वैदिक विवाह किया है। कई अन्य परिवार भी घर वापसी की प्रक्रिया में हैं और उनका धार्मिक संस्कार भी समय आने पर कराया जाएगा। पालीवाल ने वर्तमान धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे समय में यह परिवर्तन शांति और भक्ति के मार्ग की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा, “जहां एक ओर धर्म पूछकर हत्याएं की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर महादेवगढ़ जैसे स्थानों पर युवा शांति, सम्मान और संस्कृति का रास्ता अपना रहे हैं।”