अंतर्राष्ट्रीय

भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष वियतनाम पहुंचे, शुरू होगी शांति और करुणा की वैश्विक यात्रा

भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष अब वियतनाम पहुंच चुके हैं। यहां इन अवशेषों को 2 से 21 मई तक शांति, करुणा और सामूहिकता के पवित्र आयोजन में रखा जाएगा। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू शुक्रवार को इन पवित्र अवशेषों के साथ वियतनाम पहुंचे। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के साथ एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व में वियतनाम पहुंच चुका हूं। वियतनाम सरकार और वियतनाम बौद्ध संघ द्वारा भव्य स्वागत किया गया। ये पवित्र अवशेष 2 से 21 मई 2025 तक वियतनाम में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जा रहे वैशाख दिवस समारोह के लिए रहेंगे।”

भारत से वियतनाम तक का पवित्र सफर

भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की वियतनाम यात्रा एक ऐतिहासिक अवसर है। इससे पहले, जब ये अवशेष भारत से वियतनाम के लिए रवाना हुए थे, तो किरण रिजिजू ने एक और पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा था, “भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वियतनाम लाने का अवसर मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है, यह एक ऐसा अनुभव है जो आत्मा को छूने वाला है। मैं इस पवित्र यात्रा में आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और संस्कृत मंत्री श्री कंदुल दुर्गेश जी और अन्य अधिकारियों के साथ जुड़ा हूं।” यह यात्रा शांति, करुणा और सामूहिकता का प्रतीक है और इन अवशेषों का वियतनाम में रहना एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक अवसर है।

वियतनाम में इन पवित्र अवशेषों की उपस्थिति के बाद, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “भारतीय प्रतिनिधिमंडल और वियतनामी संघ के नेताओं के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें भारत से लाए गए पवित्र बुद्ध अवशेषों का महत्व समझाया गया। श्री किरण रिजिजू ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों की ओर से एक सार्थक संदेश दिया। वियतनाम सरकार ने भारत का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने ये पवित्र अवशेष वियतनाम भेजे।” यह यात्रा दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर है।

वैशाख दिवस समारोह में भगवान बुद्ध के अवशेषों का महत्व

वियतनाम में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का स्थायित्व 2 से 21 मई तक रहने के दौरान, संयुक्त राष्ट्र वैशाख दिवस समारोह का आयोजन होगा। यह आयोजन भगवान बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों का सम्मान करने के लिए किया जाता है। इन पवित्र अवशेषों के साथ वियतनाम पहुंचने से यह समारोह और भी महत्वपूर्ण हो गया है। किरण रिजिजू ने यह भी बताया कि इस यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वियतनाम के नेताओं के साथ मिलकर बौद्ध धर्म के महत्व और शांति के संदेश को साझा किया। इस यात्रा से न केवल भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और सामूहिकता का संदेश भी जाएगा।

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