लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी बड़ी प्रतिक्रिया, कहा- “मैं मछली नहीं खाता, मैं शाकाहारी हूं”
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लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के एक सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चौंकाने वाली टिप्पणी की कि वे मछली नहीं खाते हैं, और वे शाकाहारी हैं। यह घटनाक्रम तब हुआ जब रूडी ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़ा एक पूरक प्रश्न पूछा था। उन्होंने कहा कि देश में 95 करोड़ लोग मछली खाते हैं और एक करोड़ लोग मछली उत्पादन करते हैं।
“मछली उत्पादन में पिछले दस वर्षों में 100 प्रतिशत वृद्धि”
इस टिप्पणी के बाद भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा अध्यक्ष से मजाक करते हुए कहा, “Speaker Ji, मुझे नहीं पता कि आप मछली खाते हैं या नहीं।” इस पर ओम बिरला ने तुरंत जवाब दिया, “मैं मछली नहीं खाता, मैं शाकाहारी हूं।”
रूडी के सवाल का जवाब देते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पिछले दशक में मछली उत्पादन में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि को लेकर मंत्री ने बताया कि सरकार के प्रयासों से मछली उत्पादन में बेतहाशा वृद्धि हुई है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
TMC सांसद का सवाल: “ललन सिंह तो पहले मछली खाने के लिए कहते थे”
इस सवाल पर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कालीयान बनर्जी ने भी पूरक सवाल किया। बनर्जी ने कहा कि जब जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मंत्री नहीं थे, तो वे अक्सर पूछा करते थे कि उन्हें कब हिलसा मछली (एक प्रकार की मछली) दी जाएगी। इस सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कालीयान बनर्जी को निर्देश दिया कि वे मुख्य प्रश्न पर ध्यान केंद्रित करें और राजनीति से दूर रहें।
मछली उत्पादन में वृद्धि और उसकी महत्ता
मछली उत्पादन में 100 प्रतिशत की वृद्धि का आंकड़ा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। भारत में मत्स्य पालन एक प्रमुख उद्योग है और इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में सुधार और निवेश के चलते मछली उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।
भारत में मछली की खपत भी तेजी से बढ़ी है। देश में मछली खाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ मछली उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। यह वृद्धि सरकार की योजनाओं, जैसे की जलाशयों का सुधार, मछली पालन के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास के कारण संभव हुई है।
राजीव रंजन सिंह का बयान: मछली उत्पादन में 100% वृद्धि
मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने संसद में यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मछली उत्पादन में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं, जिनसे मछली पालन की प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाया गया है। इसके अलावा, मंत्रालय ने मछली के उत्पादन और वितरण में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे किसानों और मछुआरों को सीधा लाभ हुआ है।
मछली उत्पादन में वृद्धि का प्रभाव
मछली उत्पादन में वृद्धि न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती है, बल्कि यह भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास में भी योगदान करती है। मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय बन गया है और इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, मछली उद्योग के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या कुछ हद तक हल हुई है।
लोकसभा में असामान्य माहौल
लोकसभा में इस तरह की हलचल आमतौर पर नहीं होती, लेकिन मछली खाने को लेकर ओम बिरला और कालीयान बनर्जी के बीच हुई बातचीत ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया। हालांकि, इस सवाल का मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन और उसके विकास पर था, लेकिन राजनीति से जुड़े मुद्दों की ओर ध्यान खींचने वाले बयानों ने पूरे सदन का ध्यान आकर्षित किया।
लोकसभा में ओम बिरला और कालीयान बनर्जी के बीच हुई यह हल्की-फुल्की बातचीत एक महत्वपूर्ण मुद्दे के बीच घटी, जिसमें मछली उत्पादन में हुई वृद्धि पर चर्चा की गई। इस दौरान दोनों नेताओं के बयानों ने दर्शाया कि संसद में विचार-विमर्श के दौरान कभी-कभी हल्के-फुल्के लहजे में भी गंभीर मुद्दों की चर्चा हो सकती है।
मछली उत्पादन में वृद्धि और इससे जुड़ी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना इस समय की आवश्यकता है, खासकर जब भारतीय कृषि क्षेत्र के सुधार की बात हो रही है। इसके अलावा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह स्पष्ट किया कि उनका आहार शाकाहारी है, जो संसद में एक हल्की सी चर्चा का विषय बन गया।