Lohridih Incident: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कावर्धा जेल में ग्रामीणों से की मुलाकात
Lohridih Incident: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के लोहरीदिह गांव में 15 सितंबर को हुई हत्या और आगजनी की घटना के बाद 69 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से महिलाएं दुर्ग जेल में और पुरुष कावर्धा जेल में रखे गए हैं। इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक, प्रशांत साहू, की 18 सितंबर को मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया।
पूर्व CM भूपेश बघेल का जेल दौरा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मंगलवार को कावर्धा जेल का दौरा किया और गिरफ्तार ग्रामीणों की सेहत के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जेल में बंद लोगों के साथ बातचीत से यह स्पष्ट हुआ कि पुलिस प्रशासन ने बिना किसी जांच के निर्दोष लोगों को हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में बंद कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीणों ने कैसे पुलिस ने लोहरीदिह में दरवाजा तोड़कर लोगों को पिटाई करते हुए गिरफ्तार किया और कई लोग जिनका उस दिन कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें भी जेल में डाल दिया गया।
जांच का अभाव
भूपेश बघेल ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पुलिस प्रशासन जांच के बिना काम कर रहा है और निर्दोष लोगों को सजा दी जा रही है। उन्होंने कहा, “किसी व्यक्ति को एक ही समय में दो जगहों पर कैसे पाया जा सकता है?” पूर्व CM ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया ‘हिटलरिज्म’ जैसा हो गया है, जिसमें बिना किसी उचित जांच के निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है।
ग्रामीणों की स्थिति
जेल में बंद ग्रामीणों ने पूर्व CM को बताया कि पुलिस ने उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया है। भूपेश बघेल ने बताया कि रघुनाथ साहू के भतीजे ने कहा कि उसका चचेरा भाई, टिकराम साहू, कन्हैया साहू के साथ राजनंदगांव गया था, लेकिन पुलिस ने उसे भी जेल में डाल दिया। भूपेश बघेल का कहना था कि जिन लोगों पर आरोप हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को यातना क्यों दी जा रही है?
राजनीतिक दृष्टिकोण
इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि यह मामला पुलिस की कार्यशैली और उसके प्रति लोगों के विश्वास को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए और निर्दोष लोगों को न्याय दिलाए।