मध्य प्रदेश

Ladli Behna Yojana: MP में 1 लाख 63 हजार नाम हटाए गए? CM मोहन यादव ने खुद दिया जवाब

Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर सियासत गरमा गई है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना में महिलाओं के नाम कम होने के कांग्रेस के आरोपों पर जवाब दिया है।

सीएम मोहन यादव का बयान
डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार (10 जनवरी) को कहा कि लाड़ली बहना योजना का लाभ 60 साल तक की महिलाओं को दिया जाता है। जो महिलाएं 60 साल की उम्र पार कर चुकी हैं, वे इस योजना से बाहर हो जाती हैं। ऐसे में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।

कांग्रेस का दावा क्या है?
राज्य कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लाड़ली बहना योजना में महिलाओं के नाम घटाने को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हर साल महिलाओं के नाम कम कर रही है।

आंकड़ों के साथ कांग्रेस का आरोप
जीतू पटवारी ने कहा कि 11 जनवरी 2024 को सरकार ने लाड़ली बहना योजना का लाभ 1 करोड़ 29 लाख महिलाओं को दिया। इसके बाद 11 दिसंबर 2024 को केवल 1 करोड़ 28 लाख महिलाओं को ही इसका लाभ मिल पाया। अब 12 जनवरी 2025 को केवल 1 करोड़ 26 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा।

सीएम ने किया आरोपों का खंडन
डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को पात्रता और नियमों के अनुसार लाभ दिया जा रहा है। जो महिलाएं 60 वर्ष की आयु पार कर जाती हैं, उनके नाम योजना से हटाए जाते हैं।”

Ladli Behna Yojana: MP में 1 लाख 63 हजार नाम हटाए गए? CM मोहन यादव ने खुद दिया जवाब

अधिक उम्र की महिलाओं के लिए अन्य योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए कई अन्य योजनाएं हैं। उन्हें उन योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके लिए अलग-अलग योजनाओं पर काम कर रही है।

कांग्रेस के आरोपों की सच्चाई
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार महिलाओं के नाम कम कर रही है। लेकिन सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया नियमों के अनुसार है। योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलता है जो पात्र हैं।

लाड़ली बहना योजना का महत्व
लाड़ली बहना योजना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।

विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बयानबाजी
इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार महिलाओं के अधिकारों से खिलवाड़ कर रही है, जबकि सरकार इसे नियमों के पालन की प्रक्रिया बता रही है।

जनता की प्रतिक्रिया
इस मामले पर जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग सरकार के स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं, जबकि कुछ का मानना है कि महिलाओं के नाम कम करना उनके साथ अन्याय है।

लाड़ली बहना योजना को लेकर सियासी विवाद ने महिलाओं के कल्याण के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और विपक्ष इस मामले पर कैसे आगे बढ़ते हैं और महिलाओं के हित में क्या कदम उठाए जाते हैं।

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