भोपालमध्य प्रदेशरीवा

रतहरा से चोरहटा सड़क निर्माण में KCC की दादागिरी, डामर प्लांट से उठता जहरीला धुआं अजगरहा हरिहरपुर बना गैस चैंबर, CM हेल्पलाइन भी बेअसर

dainikMediaauditor.(रीवा) रतहरा से चोरहटा तक सड़क निर्माण का कार्य कर रही KCC कंपनी पर स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर डामर (हॉट मिक्स) प्लांट चालू कर दिया है जिससे अजगरहा और हरिहरपुर क्षेत्र धुएं के गुबार में तब्दील हो गया है। हालात इतने भयावह हैं कि सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है लेकिन जिम्मेदार विभागों की चुप्पी और CM हेल्पलाइन की निष्क्रियता ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार डामर प्लांट से निकलने वाला काला तीखा और जहरीला धुआं दिन-रात पूरे इलाके में फैल रहा है। घरों खेतों और स्कूलों तक धुएं की परत जम रही है। बुजुर्गों बच्चों और दमा-एलर्जी से पीड़ित लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग आंखों में जलन, सिरदर्द, सांस की तकलीफ और खांसी की शिकायत लेकर निजी इलाज कराने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि KCC कंपनी मनमानी पर उतर आई है। प्लांट आबादी के नजदीक चलाया जा रहा है जबकि पर्यावरणीय नियमों के अनुसार ऐसी इकाइयों को तय दूरी और प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करना अनिवार्य है। लोगों का कहना है कि न तो पर्याप्त धूल-नियंत्रण के उपाय किए गए हैं और न ही धुएं को नियंत्रित करने के आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।

अजगरहा और हरिहरपुर के ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को मौखिक व लिखित शिकायतें दीं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हताश होकर लोगों ने CM हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई परंतु उसका भी कोई प्रभाव नजर नहीं आया। शिकायतों का जवाब केवल जांच जारी है या समस्या निराकरण की प्रक्रिया में है तक सीमित रह गया जबकि जमीनी हालात जस के तस बने हुए हैं।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कंपनी के अधिकारियों और ठेकेदारों का रवैया बेहद कठोर है। विरोध करने पर काम बंद करने की धमकी दी जाती है या शिकायत करने वालों को डराने-धमकाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। इससे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है और आम लोग खुलकर अपनी बात रखने से कतरा रहे हैं।

पर्यावरण जानकारों के अनुसार डामर प्लांट से निकलने वाले धुएं में हानिकारक कण और गैसें होती हैं जो लंबे समय तक संपर्क में रहने पर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। नियमों के अनुसार ऐसे प्लांट्स को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति नियमित निगरानी और सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी ग्रामीणों ने हस्तक्षेप की मांग की है। लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण जरूरी है लेकिन विकास के नाम पर जनता की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने मांग की है कि डामर प्लांट को आबादी से दूर स्थानांतरित किया जाए प्रदूषण नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और क्या KCC कंपनी की कथित मनमानी पर लगाम लग पाती है या फिर अजगरहा–हरिहरपुर के लोग यूं ही धुएं में घुटते रहने को मजबूर रहेंगे।

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