कश्मीर ट्रिप बना आखिरी सफर, सुशील नाथनियल की कहानी ने झकझोर दिया देश

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए पर्यटक सुशील नाथनियल (58) के परिवार के सदस्यों ने इस घटना पर गहरा दुख और गुस्सा व्यक्त किया है। बुधवार को उनके परिजनों ने सरकार से मांग की कि हमले के दोषी आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सुशील नाथनियल की बहन इंदू दावर ने पीटीआई-भाषा से बातचीत करते हुए कहा, “हमारे परिवार के सदस्य सुशील कश्मीर अपनी फैमिली के साथ छुट्टियां मनाने गए थे। हमें इंसाफ चाहिए और जो आतंकवादी इस हमले के जिम्मेदार हैं, उन्हें सबसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
धार्मिक पहचान पूछने के बाद की गई हत्या
इंदू दावर ने आगे कहा कि सुशील नाथनियल की धार्मिक पहचान पूछने के बाद आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी। उन्होंने बताया कि नाथनियल की बेटी आकांक्षा (35) भी इस आतंकवादी हमले में घायल हुई हैं और उनके पैर में गोली लगी है। फिलहाल आकांक्षा का इलाज जम्मू और कश्मीर में चल रहा है। नाथनियल अपनी पत्नी जेनिफर (54) और बेटे ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) के साथ हमले का शिकार हुए थे। इंदू ने बताया कि जेनिफर और गोल्डी सुरक्षित हैं, लेकिन वे भी इस हमले से गहरे सदमे में हैं।
नाथनियल के एक और रिश्तेदार गीमा विकस ने इस हमले को लेकर दुख जताते हुए कहा कि 58 वर्षीय LIC के अधिकारी सुशील नाथनियल ईस्टर के त्यौहार के मौके पर अपनी परिवार के साथ कश्मीर छुट्टियों पर गए थे। उन्होंने कहा, “इससे ज्यादा दुख की बात और क्या हो सकती है कि जो पर्यटक त्यौहार के मौके पर खुशी से यात्रा पर निकले थे, उनकी खुशियां एक पल में मातम में बदल गईं। हम चाहते हैं कि सरकार इन आतंकवादियों को जल्द से जल्द ढूंढ कर खत्म कर दे।” इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है।
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की सहायता
इस बीच, इंदौर के जिला मजिस्ट्रेट आशीष सिंह ने नाथनियल के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उन्हें राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। आशीष सिंह ने कहा, “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव नाथनियल के परिवार के प्रति पूरी जानकारी समय-समय पर ले रहे हैं। राज्य सरकार जम्मू और कश्मीर प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। नाथनियल का शव श्रीनगर से एयरलिफ्ट कर इंदौर लाया जाएगा और उनकी घायल बेटी का पूरी तरह से इलाज किया जाएगा।”
इस आतंकवादी हमले ने न केवल सुशील नाथनियल के परिवार को, बल्कि देशभर को गहरे सदमे में डाल दिया है। सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद इस तरह की घटनाएं देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक कड़ी चुनौती बनी हुई हैं।