कानपुर मेयर प्रमिला पांडे ने मुस्लिम इलाकों में बंद मंदिर खोलने की पहल की
कानपुर में अब बंद और गायब हो चुके मंदिरों और शिवालयों की खोज तेज हो गई है। हिंदू संगठन उन मंदिरों की तलाश में जुटे हैं, जिन्हें अब किसी इमारत, दुकान या अन्य संरचना में बदल दिया गया है। इस बीच, बीजेपी की मेयर प्रमिला पांडे का एक बड़ा बयान सामने आया है।
मुस्लिम इलाकों में मंदिरों की खोज
बीजेपी की मेयर प्रमिला पांडे ने कानपुर के मुस्लिम इलाकों में हिंदू धर्म के खोए हुए मंदिरों का खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि लगभग ढाई साल पहले शहर के मुस्लिम क्षेत्रों में हिंदू मंदिरों का पता चला था। उनका कहना है कि अब इन मंदिरों को कब्जे में लिया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए पूजा योग्य बनाया जाएगा। कानपुर की मेयर इस मुद्दे को लेकर सक्रिय नजर आ रही हैं।
मंदिरों के पुनर्निर्माण का वादा
मेयर प्रमिला पांडे शनिवार (21 दिसंबर) को कानपुर के बीकंगंज क्षेत्र में पुलिस बल के साथ पहुंचीं और वहां दशकों से बंद और खंडहर हो चुके मंदिरों का कब्जा लिया। इन मंदिरों में कई सालों से कोई पूजा नहीं हो रही थी और न ही वहां कोई मूर्तियाँ बची थीं। मेयर ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में तीन मंदिरों को चिन्हित किया और उनके पुनर्निर्माण का वादा किया। उन्होंने इन मंदिरों को साफ करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया और जल्द ही वहां गेट लगाने की बात कही।
बीकंगंज क्षेत्र पर बड़ा दावा
मेयर ने बताया कि कानपुर का बीकंगंज क्षेत्र पहले 1930 से पहले सुनार गली के नाम से जाना जाता था, जहां कई हिंदू परिवार रहते थे। उन्होंने दावा किया कि बीकंगंज क्षेत्र में हर दस कदम पर मंदिर, कुएं और शिवालय स्थापित थे, लेकिन बाद में प्रवास के कारण यह क्षेत्र अब मुस्लिम बहुल हो गया। उनका कहना था कि अब यहां कोई हिंदू परिवार नहीं है, जिसके कारण इन मंदिरों का अस्तित्व समाप्त हो गया, लेकिन अब मुस्लिम भाइयों के सहयोग से तीन मंदिरों को बिना किसी विवाद के साफ किया गया है।
125 मंदिरों को किया जाएगा पुनर्निर्मित
बीजेपी की मेयर प्रमिला पांडे ने आगे कहा, “अब इन मंदिरों के लिए विशेष तैयारी की जाएगी।” उन्होंने कहा, “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, और हमें किसी से कोई समस्या नहीं है।” प्रमिला पांडे ने यह भी दावा किया कि शहर में ऐसे 125 और मंदिर हैं जिन्हें मुक्त किया जाएगा और पुनर्निर्मित किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का सहयोग
इस संबंध में एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि इलाके में बने छोटे मंदिरों को साफ करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पर कब्जा था और जो गंदगी से भरे हुए थे। यह कार्य स्थानीय लोगों के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के दौरान माहौल शांतिपूर्ण था और सभी का सहयोग प्राप्त हो रहा है।
कानपुर में मंदिरों के पुनर्निर्माण और उनकी पुनः स्थापना के इस कदम को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां एक ओर मेयर प्रमिला पांडे इस कार्य को धर्मनिरपेक्षता और आपसी भाईचारे की मिसाल मान रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय समुदाय और पुलिस का सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।