Kanpur: लड़की हॉस्टल में महिला कर्मचारी ने छात्रा को पीटा, चार दीवारों के अंदर का वीडियो हुआ वायरल
कानपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक सरकारी हॉस्टल में एक छात्रा को महिला कर्मचारी द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई। यह मामला कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र स्थित अनुसूचित जाति की लड़कियों के हॉस्टल से जुड़ा है। हॉस्टल के अंदर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला कर्मचारी द्वारा छात्रा की पिटाई की जा रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और अब यह मामला पुलिस के पास पहुंच चुका है।
क्या है पूरा मामला?
मामला दो दिन पहले का है जब हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की और महिला कर्मचारी के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। आरोप है कि महिला कर्मचारी, जिसे हॉस्टल की देखभाल का जिम्मा सौंपा गया था, ने छात्रा को बेरहमी से पीटा। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने महिला कर्मचारी द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार की जानकारी दी। पीड़िता ने बताया कि महिला कर्मचारी ने उसे गालियां दीं और जब उसने इसका विरोध किया, तो गुस्से में आकर महिला कर्मचारी गुड़िया ने उसे बुरी तरह से पीट डाला।
वीडियो वायरल होने के बाद मामला बढ़ा
हॉस्टल में मौजूद कुछ अन्य छात्राओं ने इस घटना का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला कानपुर में चर्चा का विषय बन गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।
राज्य अध्यक्ष के निर्देश पर ग्रेस प्रतिनिधि जाएंगे हॉस्टल
ग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य अध्यक्ष के निर्देश पर हॉस्टल का दौरा करने की घोषणा की है। ग्रेस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में छात्रा के साथ हुए अमानवीय व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं की हकीकत का वीडियो हुआ वायरल, कानपुर में राजकीय महिला छात्रावास में चटा के साथ बेरहमी से महिलाकर्मी का पिटाई करते वीडियो हुआ वायरल,आरोप शराब के नशे में रही है छात्रावास की महिला कर्मी, पुलिस की जांच शुरू। @yadavakhilesh#kanpur #महिला_सशक्तिकरण #yogi pic.twitter.com/DSGkxwzxH9
— vikash dhiman (@VikasdhimanABP) December 22, 2024
पुलिस ने शुरू की जांच
इस मामले को लेकर ACP कलीानपुर अभिषेक कुमार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि बाकी हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं से भी बात की जाएगी, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। पुलिस ने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
सरकार की योजना पर सवाल
यह घटना उस सरकारी योजना पर सवाल खड़ा करती है, जिसे ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान के तहत लागू किया गया है। सरकार ने लड़कियों के शिक्षा के लिए कई हॉस्टल की व्यवस्था की है, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मुफ्त आवास की सुविधा दी जाती है। यह योजना लड़कियों को शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई है, लेकिन इस तरह की घटनाएं इस योजना के प्रभाव को कमजोर करती हैं।
हॉस्टल में लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला
इस तरह की घटना में यह सवाल उठता है कि जब लड़कियां सरकारी सुविधा का लाभ लेने के लिए हॉस्टल में रहती हैं, तो उन्हें इस तरह के अमानवीय व्यवहार का सामना क्यों करना पड़ता है। खासकर जब वह वहां अपनी पढ़ाई और भविष्य के लिए संघर्ष कर रही होती हैं। यह घटना एक गंभीर मसला है और इसे सख्ती से जांचने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के दुर्व्यवहार को रोका जा सके।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस की टीम अब उन अन्य छात्राओं से भी पूछताछ करेगी जो हॉस्टल में रहती हैं और इस घटना के गवाह हैं। साथ ही, अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता की ओर से आश्वासन
पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह इस घटना से डरने वाली नहीं है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करती है। उसने बताया कि हॉस्टल की व्यवस्था में सुधार के लिए इस घटना का सामने आना जरूरी था, ताकि भविष्य में ऐसी कोई और घटना न हो सके।
यह घटना न केवल कानपुर बल्कि पूरे प्रदेश में लड़कियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। लड़कियों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है और ऐसी घटनाएं उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इस घटना के बाद अब यह जिम्मेदारी बनती है कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से किया जाए और उसमें किसी भी प्रकार की खामी या दुर्व्यवहार को रोका जाए।
सरकार और पुलिस को इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके।