Justin Trudeau on Lawrence Bishnoi: भारतीय एजेंट लॉरेंस बिश्नोई से मिले हुए हैं, ट्रूडो ने फिर लगाया गंभीर आरोप
भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में दरारें गहरी होती जा रही हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस विवाद को और भी भड़काते हुए भारतीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भारतीय एजेंटों और कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के बीच संबंधों को लेकर एक नया दावा किया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
कनाडाई पुलिस का आरोप: भारतीय एजेंटों और लॉरेंस बिश्नोई की साठगांठ
कनाडा की रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने भारतीय सरकार के खिलाफ एक नया आरोप लगाया है। उनके अनुसार, भारतीय एजेंट कनाडा में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर आतंक फैला रहे हैं। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि भारतीय अधिकारी दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहे हैं और खालिस्तानी समर्थकों पर विशेष रूप से हमला कर रहे हैं।
लॉरेंस बिश्नोई का नाम क्यों आया चर्चा में?
लॉरेंस बिश्नोई भारत में एक कुख्यात गैंगस्टर के रूप में जाना जाता है, जिसने कई अपराधों में अपनी संलिप्तता दिखाई है। उसके नाम पर कई मामलों में आरोप लगाए गए हैं, जिनमें हत्या, तस्करी, और आतंकवाद शामिल हैं। लेकिन हाल ही में, उसका नाम कनाडा के राजनीतिक विवादों में भी आ गया है, जब कनाडाई अधिकारियों ने दावा किया कि भारतीय एजेंट उसके साथ मिलकर कनाडा में आतंक फैला रहे हैं।
कनाडा के आरसीएमपी के असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिजिट गौविन के अनुसार, “हमने देखा है कि अधिकारी संगठित अपराधियों का उपयोग कर रहे हैं, और वे विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बना रहे हैं।” यह दावा कनाडा में खालिस्तानी समर्थन के बढ़ते माहौल और भारत विरोधी विचारधारा को और भी हवा दे रहा है।
खालिस्तानी समर्थकों पर हमले का दावा
कनाडाई पुलिस के अनुसार, भारतीय एजेंट और लॉरेंस बिश्नोई खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बना रहे हैं। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने इस मुद्दे को और भी तूल दिया है। कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की गतिविधियां हमेशा से भारत के लिए चिंता का विषय रही हैं। लेकिन अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि भारतीय अधिकारी लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर इन खालिस्तानी समर्थकों पर हमले कर रहे हैं।
भारत-कनाडा संबंधों में आई दरार
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में गिरावट आई है। निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय राजदूत पर हत्या का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में भारत ने कनाडा के कई राजनयिकों को देश से निकाल दिया। इसके बाद, भारतीय सरकार ने अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए हैं।
कनाडा ने हाल ही में भारतीय अधिकारियों पर और भी आरोप लगाए हैं, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि भारत कनाडा में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन कर रहा है। भारतीय अधिकारियों ने इन आरोपों को निराधार और अपमानजनक करार दिया है। भारत का कहना है कि कनाडा खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को शरण दे रहा है और यह दोनों देशों के बीच के संबंधों को खराब कर रहा है।
ट्रूडो का नया बयान
हाल ही में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारतीय अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि “भारतीय एजेंट लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर कनाडा में आतंक फैला रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत सरकार के अधिकारी खालिस्तान समर्थकों को निशाना बना रहे हैं और उनके खिलाफ संगठित अपराधियों का उपयोग कर रहे हैं।
यह बयान ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ किए गए आरोपों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को और बढ़ा रहा है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों का सख्त खंडन किया है और कनाडा से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय सरकार ने ट्रूडो के इन नए आरोपों को भी खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये आरोप बेबुनियाद और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं। भारत ने कनाडा से खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और कहा है कि कनाडा का रवैया इस मुद्दे पर बेहद ढीला रहा है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है, और भारत अपने नागरिकों को आतंकवादी खतरों से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।