Israel Iran War: इजराइल को ट्रम्प का सलाह, परमाणु बम स्थलों को पहले निशाना बनाओ
Israel Iran War: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में इजराइल को एक विशेष सलाह दी है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि इजराइल को ईरान के मिसाइल हमले के जवाब में उसके परमाणु स्थलों पर हमला करना चाहिए। ट्रम्प का यह बयान ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है और यह एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है।
ट्रम्प की सलाह का संदर्भ
ट्रम्प ने यह सलाह उत्तरी कैरोलिना में एक चुनावी रैली के दौरान दी, जहां उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रति सवाल उठाया। ट्रम्प ने बाइडन से पूछा कि क्या वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए कदम उठाएंगे, या वे तब तक इंतजार करेंगे जब तक ईरान परमाणु बम नहीं गिराता। यह सवाल वैश्विक सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब बात ईरान के परमाणु कार्यक्रम की हो।
बाइडन का जवाब
जब बाइडन से ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के समर्थन में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। उनका यह जवाब ट्रम्प के लिए आपत्ति का विषय बन गया। ट्रम्प ने कहा कि बाइडन को स्पष्ट रूप से परमाणु हथियारों पर हमले का समर्थन करना चाहिए था। उन्होंने चेतावनी दी कि परमाणु हथियार हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा हैं और बाइडन को इस मुद्दे पर कठोर निर्णय लेने चाहिए।
ट्रम्प की चिंताएं
ट्रम्प ने कहा, “अगर बाइडन का जवाब होता कि पहले परमाणु स्थलों को निशाना बनाओ और बाकी बातों की चिंता बाद में करो, तो यह सही होता।” उनका यह बयान न केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति अमेरिका की नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे ईरान के बढ़ते खतरे को कितना गंभीरता से लेते हैं।
जी7 देशों का समर्थन
इस बीच, बाइडन ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों का विरोध किया, खासकर जब ईरान ने इजराइल के खिलाफ लगभग 200 मिसाइल दागे थे। बाइडन ने कहा कि वे इजराइल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और यह भी कहा कि जी7 के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि इजराइल को प्रतिक्रिया देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें बड़े पैमाने पर हमले नहीं करना चाहिए।
इजराइल-ईरान संघर्ष का इतिहास
इजराइल और ईरान के बीच का संघर्ष एक लंबा इतिहास रखता है। ईरान का परमाणु कार्यक्रम हमेशा से इजराइल के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रहा है। इजराइल ने बार-बार चेतावनी दी है कि यदि ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति दी गई, तो इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
ईरान का मानना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इजराइल और अन्य पश्चिमी देशों को इस पर संदेह है। इसका मुख्य कारण ईरान का भड़काऊ बयानों और अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों का इतिहास है।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
ट्रम्प की सलाह और बाइडन का रुख केवल एक देश के भीतर की राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। अगर इजराइल वास्तव में ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करता है, तो इससे न केवल ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की संभावना बढ़ जाएगी, बल्कि यह अन्य देशों को भी प्रभावित करेगा, जिनमें अमेरिका, रूस, और चीन शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजराइल ऐसा कदम उठाता है, तो इसके परिणामस्वरूप मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है। ईरान की प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन यह निश्चित है कि ऐसा हमला केवल इजराइल के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी साबित होगा।