Israel-Iran War: ‘ट्रू प्रॉमिस II’ से हिला इजरायल, कैसे ईरान ने नेतन्याहू की सेना को चकमा दिया?
Israel-Iran War: हाल ही में, इजरायल ने ईरान के हमलों के जवाब में प्रतिशोध की कसम खाई है। ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) ने छह महीनों के भीतर इजरायल के खिलाफ अपना दूसरा मिसाइल हमला किया है। इस बार ईरान ने इजरायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, और इस ऑपरेशन का नाम रखा गया “ट्रू प्रॉमिस II”।
ईरान के हमले की तकनीकी उन्नति
ईरान का यह हमला पहले अप्रैल में किए गए हमले से काफी भिन्न था। इस बार ईरान ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। ईरान ने पहली बार इस ऑपरेशन में हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग किया, जो कि अप्रैल में इस्तेमाल किए गए ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में तकनीकी दृष्टि से कहीं अधिक उन्नत हैं।
IRGC ने दावा किया कि इजरायल के उन्नत रक्षा प्रणालियों के बावजूद, 90 प्रतिशत मिसाइलें अपने लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक पहुंच गईं।
ईरान ने क्या किया अलग?
जब ईरान ने अप्रैल में हमला किया था, तब उसने अलग-थलग पड़े इजरायली सैन्य स्थलों को निशाना बनाया था। लेकिन इस बार, ईरान ने टेल अवीव के निकट अधिक जनसंख्या वाले शहरी केंद्रों को लक्ष्य बनाया। ईरान के राष्ट्रपति मासूद पेझेश्कियन ने इन मिसाइल हमलों को इजरायल पर अपनी प्रतिशोध के रूप में वर्णित किया और चेतावनी दी कि यदि इजरायल फिर से कुछ करने की हिम्मत करता है, तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
अप्रैल और अक्टूबर के हमलों में अंतर
इस बार ईरान ने अपने “ट्रू प्रॉमिस II” ऑपरेशन में हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जबकि अप्रैल के हमले में उसने पुरानी तकनीक वाली ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया था। यह तकनीकी उन्नति इजरायल के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे ईरान की मिसाइल क्षमता में वृद्धि हुई है।
इजरायल का प्रतिक्रिया
इजरायल की सेना अब भी लेबनान को लक्षित करने में लगी हुई है। इजरायल ने आज दक्षिणी लेबनान के 24 गांवों को खाली करने का आदेश दिया है। यह चेतावनी उस समय आई है जब सेना ने हीज़्बुल्लाह आतंकवादी समूह से निपटने के लिए सीमा के निकट एक सीमित जमीनी अभियान शुरू किया है।
ये गांव एक यूएन द्वारा घोषित बफर जोन में स्थित हैं, जो कि 2006 में इजरायल और हीज़्बुल्लाह के बीच हुए अंतिम युद्ध के बाद स्थापित किया गया था।
संघर्ष का भविष्य
इस तरह की घटनाएँ यह स्पष्ट करती हैं कि इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान की तकनीकी उन्नति और उसके नए रणनीतिक दृष्टिकोण इजरायल के लिए खतरा बने हुए हैं। इजरायल ने अपने रक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की है, खासकर जब ईरान ने अपनी मिसाइल क्षमताओं को इतनी तेजी से विकसित किया है।