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अचानक भारत से क्यों लौट रहे हैं इज़राइली पर्यटक? ताज महल की संख्या में भी आई कमी; बुकिंग हो रही हैं रद्द

भारत की पर्यटन उद्योग एक बार फिर संकट के दौर में है, विशेषकर ताज नगरी आगरा में। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, अब पश्चिम एशिया में चल रही तनावपूर्ण स्थितियों के कारण, इज़राइली पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। ताज महल, जो विश्व धरोहर स्थल है, अब पर्यटकों के लिए कम आकर्षण बना हुआ है। इस लेख में हम इस समस्या की गहराई से पड़ताल करेंगे और जानेंगे कि ये बदलाव किस प्रकार पर्यटन उद्योग को प्रभावित कर रहे हैं।

आगरा के पर्यटन उद्योग पर प्रभाव

ताज महल की ओर आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी ने आगरा के पर्यटन व्यवसाय को और भी गहरा संकट में डाल दिया है। भारत और अन्य देशों के बीच एयर रूट्स में हुए बदलावों के कारण, इज़राइल और अन्य पश्चिम एशियाई देशों के पर्यटक अब भारत आने से कतराने लगे हैं। अब इन उड़ानों को रूस के हवाई मार्ग से होकर जाना पड़ रहा है, जो न केवल लंबा है बल्कि महंगा भी है। ऐसे में, जिन पर्यटकों ने पहले से बुकिंग कराई थी, वे अपनी योजनाएँ रद्द करने पर मजबूर हो रहे हैं।

कोरोना काल का असर

कोरोना महामारी के दौरान, 2020 और 2021 में आगरा का पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ। जब कोरोना के प्रतिबंध हटा, तब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया, जिससे वहां के पर्यटकों की संख्या में कमी आई। अब जब 2023 में इनबाउंड पर्यटन फिर से पटरी पर आने लगा था, तभी पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

अमेरिकी चुनावों का प्रभाव

आगरा पर्यटन विकास फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा का कहना है कि पर्यटक हमेशा शांतिपूर्ण वातावरण में यात्रा करना पसंद करते हैं। वर्तमान में भारत में शांति है, लेकिन रूस-यूक्रेन और पश्चिम एशिया की तनावपूर्ण स्थिति का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव भी पर्यटकों की संख्या पर प्रभाव डाल सकते हैं।

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हिमाचल प्रदेश में इज़राइली पर्यटकों की वापसी

इस वर्ष, हिमाचल प्रदेश में भी इज़राइली नागरिकों की वापसी की चर्चा है। कई इज़राइली पर्यटक, जो यहाँ मैक्लोडगंज और कुल्लू जैसे पर्यटन स्थलों पर आए थे, अब अपने देश में समर्थन देने के लिए लौट रहे हैं। कुल्लू के मनिकर्ण और कसोल इज़राइली नागरिकों के पसंदीदा स्थान हैं, जहाँ हर साल बड़ी संख्या में इज़राइली आते हैं।

ताज महल की स्थिति

ताज महल के प्रति विदेशी पर्यटकों की रुचि धीरे-धीरे कम हो रही है। 2023 में, लगभग 5.83 लाख विदेशी पर्यटकों ने ताज महल का दौरा किया, लेकिन अब इस संख्या में कमी आई है। पर्यटकों का यह रुझान सीधे तौर पर पश्चिम एशिया की स्थिति और उड़ानों की बाधाओं से जुड़ा है।

बुकिंग में कमी

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के कसोल में इस समय 300 से अधिक इज़राइली नागरिक ठहरे हुए हैं। ये पर्यटक यहाँ अप्रैल से सितंबर के बीच आते हैं। हालांकि, इस बार इज़राइली पर्यटकों की संख्या कम रही है और अब बुकिंग में भी कमी आई है।

धार्मिक त्योहारों का प्रभाव

इज़राइली नागरिकों के लिए यह समय धार्मिक त्योहारों का है। वे 12 से 15 अक्टूबर तक यों किपुर का पर्व मनाएँगे और फिर 24 और 25 अक्टूबर को सिमचात तोरा का त्योहार मनाएँगे। इन त्योहारों के बाद, अधिकांश इज़राइली नागरिक अपने देश लौटने की योजना बना रहे हैं।

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