केरल की भारतीय नर्स को यमन में फांसी की सजा, विदेश मंत्रालय का रुख

यमन, जो लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है, से एक चौंकाने वाली खबर आई है। एक भारतीय नर्स को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। यह भारतीय नर्स, निमिषा प्रिया, जो केरल की निवासी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने एक यमनी नागरिक की हत्या की है। इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए जानते हैं कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में क्या कहा है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वह इस मामले में नर्स की हर संभव मदद करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में सभी आवश्यक विकल्पों को तलाशने के लिए वह हर संभव मदद प्रदान करेगा।
रंधीर जयस्वाल का जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने मंगलवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हम निमिषा प्रिया की सजा से अवगत हैं। हमें यह समझ में आता है कि प्रिया का परिवार संबंधित विकल्पों की तलाश कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।”
निमिषा प्रिया कौन हैं?
निमिषा प्रिया केरल राज्य की निवासी हैं। उन्होंने 2011 से यमन की राजधानी सना में काम करना शुरू किया था। निमिषा को जुलाई 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था। 2018 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से निमिषा ने अपनी सजा के खिलाफ लगातार संघर्ष किया। उनके परिवार ने उन्हें मुक्त कराने के लिए काफ़ी कानूनी और कूटनीतिक प्रयास किए हैं।
निमिषा प्रिया के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की थी। यह घटना 2017 में हुई थी, और इसके बाद यमनी न्यायालय ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। निमिषा के परिवार ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और इस मामले में न्याय का सामना कर रही हैं।
Our response to media queries regarding the case of Ms. Nimisha Priya:https://t.co/DlviLboqKG pic.twitter.com/tSgBlmitCy
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 31, 2024
यमनी राष्ट्रपति का अनुमोदन
सूत्रों के अनुसार, यमनी राष्ट्रपति राशद अल-अलिमी ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। इस अनुमोदन के बाद निमिषा के परिवार और भारत सरकार ने इस मामले में अपना समर्थन बढ़ा दिया है। जानकारी के अनुसार, निमिषा को अगले महीने फांसी दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
निमिषा प्रिया का परिवार और उनके समर्थन में उठाए गए कदम
निमिषा प्रिया के परिवार ने उनकी सजा को चुनौती देने के लिए कई कानूनी और कूटनीतिक प्रयास किए हैं। उनके परिवार का कहना है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और किसी भी प्रकार की हत्या में उनका कोई हाथ नहीं था। परिवार ने भारतीय सरकार से अपील की है कि वे इस मामले में उनका समर्थन करें और उन्हें बचाने के लिए सभी क़दम उठाएं।
उनके परिवार ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस मामले को उठाया है, ताकि निमिषा को न्याय मिल सके। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर ध्यान दिया है और वह मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दे रहा है। विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि वह निमिषा प्रिया के परिवार से संपर्क में है और इस मामले की पूरी जांच के लिए समर्थन प्रदान कर रहा है।
भारत सरकार की ओर से मदद की संभावना
भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह निमिषा प्रिया के मामले में हर संभव कूटनीतिक प्रयास करेगा। रंधीर जयस्वाल ने कहा कि मंत्रालय निमिषा के परिवार के साथ लगातार संपर्क में है और उन्हें सभी कानूनी विकल्पों की जानकारी दी जा रही है। भारत सरकार इस मामले को यमन सरकार के साथ भी उठाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही, भारतीय दूतावास और अन्य कूटनीतिक चैनल्स के जरिए भारत अपने नागरिक की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है।
भारत और यमन के कूटनीतिक संबंध
भारत और यमन के बीच कूटनीतिक संबंध अच्छे रहे हैं, और इस स्थिति में भारत सरकार पूरी तरह से यमन में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। यमन में नागरिक युद्ध के कारण कई भारतीय नागरिकों ने वहां काम करना जारी रखा है। ऐसे में यह मामला और भी महत्वपूर्ण बन जाता है, क्योंकि विदेश मंत्रालय को यमन के नागरिक युद्ध और उनके सुरक्षा हालात के मद्देनज़र अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है।
निमिषा प्रिया की मौत की सजा का मामला भारत और यमन के कूटनीतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में सभी कानूनी और कूटनीतिक उपाय किए जाएंगे। हालांकि, निमिषा के परिवार की तरफ से लगातार कोशिशें जारी हैं, उम्मीद की जाती है कि भारतीय सरकार इस मामले में हर संभव मदद करेगी और यमन सरकार से बातचीत कर उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी।
निमिषा प्रिया के मामले में आने वाली परिस्थितियां भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा की गहरी चिंता का कारण बन सकती हैं, और यह भारत सरकार के लिए एक अहम कूटनीतिक चुनौती भी है।