छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ के कोरबा में पति ने पत्नी को मारा, बच्चों के सामने किया खौ़फनाक कृत्य

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। घटना का कारण एक मामूली सा था, जब पत्नी पति के साथ घूमने निकली थी और रास्ते में थककर बैठ गई, तो पति को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गुस्से में आकर अपनी पत्नी की पिटाई कर दी। बाद में, पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि घरेलू हिंसा और गुस्से के चलते समाज में कितनी बड़ी दुर्घटनाएं घट सकती हैं।

घटना का विवरण

यह घटना कोरबा जिले के आर्सिया गांव के पास जंगल के रास्ते पर हुई। पति विशल आर्मो अपनी पत्नी गणपति और दो छोटे बच्चों के साथ पैदल घर लौट रहे थे। पत्नी गणपति जब थक कर रास्ते में बैठ गई, तो पति को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उसकी चुपचाप बैठने को लेकर गुस्साए पति ने उसे मारना शुरू कर दिया। शुरू में पत्नी ने डर के मारे फिर से चलने की कोशिश की, लेकिन थोड़ी दूर चलने के बाद फिर से थक गई और बैठ गई। इस पर पति और ज्यादा गुस्से में आ गया और उसने अपनी पत्नी को गाली देने के बाद लकड़ी से पीटना शुरू कर दिया। गुस्से में आकर पति ने इतनी बुरी तरह से अपनी पत्नी की पिटाई की कि पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई।

पत्नी के हत्यारे पति का झूठा बयान

पत्नी की हत्या के बाद, पति ने पुलिस से यह कहा कि उसकी पत्नी पहाड़ से गिरकर मर गई। उसने मामले को मोड़ने की कोशिश की, ताकि वह बच सके। लेकिन पुलिस की तफ्तीश में यह झूठ पकड़ा गया और बाद में आरोपी पति ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस को आरोपी के बयान में विरोधाभास महसूस हुआ और जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सच्चाई बता दी। यह घटना पुलिस के लिए भी एक बड़ा झटका थी, क्योंकि वह पहले पति के बयान पर विश्वास कर रहे थे, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो पूरा मामला बदल गया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा

पुलिस ने मृतक महिला के शव का पोस्टमॉर्टम कराया, जिससे इस घिनौनी हत्या के सबूत साफ हो गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि महिला की मौत सिर पर लकड़ी से वार करने के कारण हुई थी। उसकी सिर की हड्डियां टूट गई थीं और अंदरूनी चोटें आईं थीं, जिनके कारण उसकी मौत हुई। यह रिपोर्ट पति के झूठे बयान को और भी उजागर करती है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में पति ने पत्नी को मारा, बच्चों के सामने किया खौ़फनाक कृत्य

घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले

यह घटना घरेलू हिंसा की एक और भयावह मिसाल है, जो समाज में दिन-ब-दिन बढ़ रही है। एक साधारण से विवाद या गुस्से के चलते कितनी बड़ी त्रासदी उत्पन्न हो सकती है, इसका यह उदाहरण है। घरेलू हिंसा के कारण न केवल पीड़ित व्यक्ति की जान जाती है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप परिवार के अन्य सदस्य, विशेष रूप से बच्चे, मानसिक आघात का सामना करते हैं। इस घटना में भी दो छोटे बच्चे हैं, जिन्होंने अपनी मां को मरते हुए देखा। यह स्थिति उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डालेगी।

पत्नी की मौत के बाद की स्थिति

गणपति की दुखद मौत के बाद उसके परिवार और बच्चों की हालत भी बुरी हो गई है। बच्चों ने अपनी मां को मरते हुए देखा, और अब उनका भविष्य बेहद अनिश्चित है। इन बच्चों को न केवल अपनी मां की कमी खल रही होगी, बल्कि उन्हें यह भी नहीं पता कि उनके साथ आगे क्या होगा। ऐसे मामलों में बच्चों को शारीरिक और मानसिक सहायता की जरूरत होती है, ताकि वे किसी तरह इस कठिन समय से बाहर निकल सकें।

पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी

इस खौ़फनाक घटना के बाद पुलिस ने आरोपी पति विशल आर्मो को गिरफ्तार कर लिया है। अब आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के बाद तफ्तीश कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला घरेलू हिंसा का है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस हत्या के मामले में आरोपी को सजा दिलाने के लिए अदालत में भी एक मजबूत केस तैयार किया जाएगा।

घरेलू हिंसा पर सख्त कानून की आवश्यकता

यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि घरेलू हिंसा को लेकर हमें और सख्त कानून की जरूरत है। महिलाओं और बच्चों को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए सरकार को और भी अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे। हालांकि, कुछ सुधार जरूर किए गए हैं, लेकिन इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो रहा है कि कानून में और बदलाव की जरूरत है ताकि ऐसे अपराधों पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सके।

यह घटना घरेलू हिंसा के बढ़ते खतरे को उजागर करती है और यह साबित करती है कि गुस्सा और हिंसा से कोई समस्या का हल नहीं निकलता। घरेलू हिंसा के मामलों में समय रहते उचित कदम उठाए जाने चाहिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और उनका हक सुनिश्चित करने के लिए समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। साथ ही, इस तरह के मामलों को दबाने के बजाय समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक सकें और एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज बना सकें।

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