उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का अहम फैसला: राज्यकर्मियों की ग्रेच्युटी अब कोर्ट द्वारा तय वारिस को मिलेगी, कैबिनेट ने दी मंजूरी!

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों के नामांकित व्यक्तियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। यह फैसला सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया और इसके तहत कुछ महत्वपूर्ण नियमों में संशोधन किए गए हैं।

ग्रेच्युटी का लाभ

उपस्थित नियमों के अनुसार, यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु उसके सेवा काल के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद होती है और उसके पास कोई परिवारिक उत्तराधिकारी नहीं है, तो उसकी ग्रेच्युटी का धन सरकारी खजाने में चला जाता था। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने कानून में संशोधन किया है।

अब यदि कोई कर्मचारी बिना नामांकित व्यक्ति के, परिवार के बिना मरे, तो उसका ग्रेच्युटी धन उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसके पक्ष में सक्षम न्यायालय द्वारा एक उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया हो। यह निर्णय न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि उनके नामांकित व्यक्तियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

निर्णय का महत्व

इस निर्णय का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह सरकारी कर्मचारियों को यह आश्वासन देता है कि यदि उनके साथ कुछ भी अप्रत्याशित होता है, तो उनके नामांकित व्यक्ति को ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इससे सरकारी कर्मचारियों को मानसिक शांति मिलेगी और वे अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार

योगी सरकार ने केवल ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव नहीं किया है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। सरकारी विद्यालयों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों को भरने के लिए 5 गुना आवेदन पत्र भरने का निर्देश दिया गया है।

योगी सरकार का अहम फैसला: राज्यकर्मियों की ग्रेच्युटी अब कोर्ट द्वारा तय वारिस को मिलेगी, कैबिनेट ने दी मंजूरी!

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत, यह निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक जिले में आरटीई के तहत उपलब्ध सीटों के लिए 5 गुना अधिक आवेदन पत्र भरे जाने चाहिए। इस दिशा में, सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि अधिकतम आवेदन पत्र भरे जाएं।

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, केवल 3.36 लाख बच्चों ने 5.45 लाख सीटों के लिए आवेदन किया है, और केवल 1.02 लाख सीटों पर ही प्रवेश किया जा सका है। इसलिए, अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अधिकतम आवेदन प्राप्त करने के लिए दिसंबर से इस प्रक्रिया को शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

जागरूकता अभियान

सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे और बस स्टेशनों सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग और पोस्टर लगाए जाएंगे। इसके अलावा, गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त प्रवेश प्रदान करने के लिए उनके माता-पिता को ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने में सहायता प्रदान की जाएगी।

मदद केंद्र

सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (BEO) और BSA कार्यालयों में सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जो माता-पिता आवेदन पत्र भरने में कठिनाई महसूस करेंगे, उन्हें यहाँ पर मदद मिलेगी।

निजी स्कूलों का मानचित्रण

इस संबंध में 58,000 निजी स्कूलों का मानचित्रण किया गया है। स्कूलों की सभी जानकारियाँ RTE पोर्टल पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, स्कूल विशेष सीटों का विवरण भी वहाँ अपलोड किया जाएगा।

योगी सरकार का यह निर्णय न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बल्कि गरीब परिवारों के बच्चों के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। इससे कर्मचारियों और उनके नामांकित व्यक्तियों को लाभ मिलेगा और शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि गरीब बच्चों को शिक्षा के अवसर मिल सकें और सरकारी कर्मचारियों को उनके अधिकारों का संरक्षण मिले।

इस प्रकार, योगी सरकार ने शिक्षा और कर्मचारियों के कल्याण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कदम राज्य के विकास के लिए भी लाभकारी साबित होगा, जिससे समाज के सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा और अवसर प्राप्त हो सकें।

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