बर्खास्त पुलिसकर्मी आलोक सिंह की कॉल डिटेल खंगाली जाए तो खुल सकते हैं कई राज! IG रीवा की संदिग्ध पुलिसकर्मियों की सूची से मिलान हुआ तो हो सकता है बड़ा धमाका

रीवा। रेंज की पुलिस व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बर्खास्त पुलिसकर्मी आलोक सिंह का नाम पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा में है, लेकिन अब मामला और गंभीर मोड़ ले सकता है। सूत्रों के अनुसार, यदि पुलिस विभाग आलोक सिंह की मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की व्यापक जांच कर दे और उसे हाल ही में आईजी रीवा द्वारा तैयार की गई संदिग्ध पुलिसकर्मियों की सूची से मिलान कर दे तो कई नए और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।
हाल ही में आईजी रीवा ने दावा किया था कि पिछले चार महीनों में ऐसी सूची तैयार की गई है जिसमें ऐसे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं जो संदिग्ध गतिविधियों अवैध संपर्कों या गलत नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं। यह सूची फिलहाल गोपनीय है लेकिन चर्चा है कि विभाग के भीतर ही कई लोग इससे थर्राए हुए हैं।
कॉल डिटेल की जांच से खुल सकता है नेटवर्क का जाल:-
आलोक सिंह जिन्हें विभाग ने अनुशासनहीनता और संदिग्ध व्यवहार के चलते सेवा से बाहर कर दिया था लंबे समय से कई ऐसे लोगों से संपर्क में रहा है जिन पर अवैध कारोबार गलत लेन-देन और बाहरी तत्वों से करीबी संबंध रखने के आरोप लगते रहे हैं। उनकी कॉल डिटेल अगर तकनीकी तरीके से निकाली जाए तो यह साफ पता चल सकता है कि वे किन किन पुलिसकर्मियों के संपर्क में थे और किस तरह की बातचीत होती रही।
सूत्र बताते हैं कि आलोक सिंह ने अपनी सेवा अवधि के दौरान रीवा रेंज के कई पुलिस कर्मचारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा था। इन कॉल रिकॉर्डों की वास्तविक जांच अगर निष्पक्षता से की जाए तो विभाग के भीतर छिपे कुछ अनचिह्नित चेहरे उजागर हो सकते हैं।
IG की सूची और आलोक सिंह के CDR का मिलान बड़ा धमाका निश्चित?
आईजी रीवा के हालिया बयान ने पहले ही कई पुलिसकर्मियों में हलचल मचा दी है। उन्होंने साफ कहा था कि चार महीनों में ऐसी सूची तैयार की गई है जिसमें वे नाम शामिल हैं जो संदिग्ध गतिविधियों में देखे गए हैं।
अगर इसी सूची का मिलान आलोक सिंह की कॉल डिटेल से किया जाए:- किस नंबर से किस नंबर पर बातचीत हुई,किस अवधि में कॉल बढ़े,किन घटनाओं के दौरान संपर्क तेज हुआ,किन पुलिसकर्मियों ने बार-बार संपर्क किया,किन संदिग्ध व्यक्तियों से बातचीत हुई
ये सब डेटा कुछ ऐसे चौंकाने वाले कनेक्शन जोड़ सकता है, जो अभी तक केवल अटकलों में मौजूद हैं:-
अंदरखाने चर्चा है कि आलोक सिंह का नेटवर्क केवल एक-दो पुलिसकर्मियों तक सीमित नहीं था बल्कि रेंज के कई थानों चौकियों और खास पदों पर बैठे कर्मचारियों तक फैला हुआ था। यही कारण है कि कॉल डिटेल रिपोर्ट को लेकर अधिकारी भी सावधानी बरत रहे हैं।
पुलिस महकमे में बढ़ती हलचल कई चेहरे सकते में:-
सूत्रों का कहना है कि IG की सूची सार्वजनिक न होने के बावजूद विभाग के कई कर्मचारी बेचैनी में हैं। कई लोगों ने अपने नंबर बदल लिए हैं कुछ ने पुराने संपर्क तोड़ दिए और कुछ गैर-आधिकारिक तौर पर सफाई देते घूम रहे हैं। लेकिन सवाल वही है अगर कॉल डिटेल सामने आई, तो कौन कौन पकड़ा जाएगा?
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि यदि आलोक सिंह का मोबाइल डेटा खंगाला गया तो यह जांच केवल एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पुलिस विभाग के भीतर फैले नेटवर्क पर भी पहुंच जाएगी। ऐसा भी कहा जा रहा है कि कई बड़े नाम सीधे सामने आ जाएंगे, जिन्हें अब तक बचाने की कोशिशें होती रही हैं।
क्या अब होगी कड़ी कार्रवाई?
रीवा रेंज में अवैध गतिविधियों गाजा कोरेक्स नेटवर्क और संदिग्ध पुलिस अपराधी गठजोड़ को लेकर लंबे समय से आवाज उठती रही है। यूपी मॉडल जैसी कार्रवाई की मांग भी लगातार हो रही है। ऐसे माहौल में अगर वास्तव में आलोक सिंह की कॉल डिटेल की जांच होती है, तो यह रेंज में सफाई अभियान की दिशा में पहला बड़ा कदम होगा।
फिलहाल विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जल्द ही किसी ठोस जांच के आदेश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कुल मिलाकर बर्खास्त पुलिसकर्मी आलोक सिंह की कॉल डिटेल अगर IG द्वारा तैयार संदिग्ध पुलिसकर्मियों की सूची से मिलाई गई, तो रीवा रेंज में बड़ा भूकंप आ सकता है और कई चेहरे आखिरकार बेनकाब हो सकते हैं।





