जिला पंजीयन कार्यालय में जारी हुआ हिटलारशाही वाला आदेश जिला रजिस्ट्रार ने बंद कराया कार्यालय के भीतर होने वाली फोटो-वीडियोग्राफी, बिना फोटो क्लिक के कैसे होगी रजिस्ट्री
मीडिया ऑडीटर, रीवा (निप्र)। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में अक्सर ही अफसरहशाही हावी रही है। जिसके कारण बड़े-बड़े नेताओं की सिफारिश पर भी आम जनमानस को अपने काम के लिए भटकना पड़ता है। वहीं अधिकारी एसी कमरे की हवा लेते बैठे रहते हैं तथा हिटलर के शासन काल की तरह नए-नए आदेश एसी कमरे के अंदर से ही रिलीज करते हैं। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अफसरशाही की तानाशाही का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में स्थित पंजीयन कार्यालय से जहां जमीनों की रजिस्ट्री की जाती है तथा इस कार्यालय में भी तानाशाही का ऐसा आदेश निकल कर सामने आया जिससे खुद कार्यालय का काम काज ही प्रभावित होगा।
सूचना में पक्षकार की गोपनीयता का हवाला:- बताया जा रहा है कि शुक्रवार को बिना किसी वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा किए जिला पंजीयक संध्या सिंह ने कार्यालय परिसर के भीतर इस आदेश को चस्पा किया है तथा उस आदेश में उल्लेख किया है कि कार्यालय के अंदर फोटो और वीडियोग्राफी करने से पक्षकार की गोपनीयता भंग होती है।
तानाशाही का आदेश:-दरअसल जिला पंजीयक संध्या सिंह ने अपनी अफसरशाही दिखाते हुए तानाशाही का एक आदेश पंजीयन कार्यालय के लिए जारी किया है जिसमें कार्यालय परिसर के भीतर फोटो और वीडियोग्राफी करने की सख्त मनाही की गई है। जिससे अब आदेश सवालों के घेरे में आ गया है कि जब कार्यालय परिसर में फोटो और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित रहेगी तो किसी भी जमीन की रजिस्ट्री कैसे संभव होगी जबकि किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के लिए जमीनों का विक्रय करने वाले और खरीददार की फोटो क्लिक करना जरूरी है क्योंकि जब तक इनकी फोटो जमीन की रजिस्ट्री में नहीं लगेगी तब तक रजिस्ट्री शून्य मानी जाएगी तथा फर्जी रजिस्ट्रीयों के खेल में भी इजाफा होगा।
अब जबाव देने से कर रहे बचाव
मामले की जानकारी लेने को लेकर हमने जिले के तमाम संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की मगर वह अपना पल्ला झाड़ने में जुटे हुए हैं तथा इस पूरे मामले को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से अपना बचाव कर रहा है। जिससे जिला पंजीयक का यह तानाशाही आदेश सवालों के घेरे में बना हुआ है, की आखिर किसी भी प्रशासनिक दफ्तर में फोटो और वीडियोग्राफी कैसे वर्जित की जा सकती है जबकि पंजीयन कार्यालय वह कार्यालय है जहां बिना फोटो ग्राफी के रजिस्ट्री के कार्य ही संभव नहीं है।
प्रायवेट रजिस्ट्रार की उपस्थिति कैमरे से ज्यादा कार्यालय के भीतर सुरक्षित ! आपको बता दें पंजीयन कार्यालय के भीतर प्रायवेट रजिस्ट्रार सरकारी कामकाज करते हुए जमीनों की रजिस्ट्री का लेखा-जोखा करते है, तथा उन्ही व्यक्तियों के द्वारा पक्षकार की फोटो क्लिक करने से लेकर रजिस्ट्री से जुड़े तमाम कार्य किए जाते है। जिसमें वह इस विभाग के लिए कैमरे से ज्यादा सुरक्षित व्यक्ति जिला पंजीयक संध्या सिंह की नजर में माने गए हैं। जिला
पंजीयक अधिकारी की माने तो कैमरे से गोपनीयता भंग हो सकती है। मगर पंजीयन कार्यालय में काम कर रहे प्रायवेट राजिस्ट्ररों के द्वारा गोपनीयता बनाई जा सकेगी जिससे लगातार फर्जी जमीनों की रजिस्ट्री हो सके।