डभौरा में हाई-वोल्टेज भ्रष्टाचार का विस्फोट: राइस मिल को फायदा पहुंचाने सैकड़ों घरों की छतों के ऊपर से बिछाई जा रही 33 केवी लाइन

DainikMediaauditor.in डभौरा क्षेत्र में नियम-कानून सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक निर्देशों को खुलेआम ताक पर रखकर किया जा रहा एक बेहद खतरनाक कार्य अब पूरे इलाके में आक्रोश और दहशत का कारण बन गया है। आरोप है कि एक निजी राइस मिल को सीधा और अवैध लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लटियार से डभौरा तक 33 केवी की हाईटेंशन बिजली लाइन रिहायशी इलाकों के बीच से वह भी सैकड़ों घरों की छतों के लगभग बराबर ऊंचाई पर गुजारी जा रही है। इस मार्ग में स्कूल थाना और घनी आबादी वाला क्षेत्र शामिल है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना और जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इस कार्य के लिए न तो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) प्राधिकरण से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लिया गया है और न ही विद्युत सुरक्षा से जुड़े निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है। नियमानुसार हाईटेंशन लाइन के लिए न्यूनतम ऊंचाई सुरक्षित दूरी और संरक्षित कॉरिडोर का पालन आवश्यक होता है लेकिन यहां इन सभी नियमों को नजरअंदाज कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि एनएच अधिकारियों द्वारा इस मार्ग से लाइन ले जाने पर आपत्ति जताने और मना किए जाने के बावजूद ठेकेदार और बिजली विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी कथित तौर पर राइस मिल मालिक से मोटी रकम लेकर कार्य को जबरन आगे बढ़ा रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि 33 केवी लाइन इतनी नीचे से गुजर रही है कि घरों की छत पर रोजमर्रा के काम करना भी जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। महिलाएं छत पर कपड़े सुखाने से डर रही हैं बच्चों का छत पर खेलना बंद हो गया है और बुजुर्गों में हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। बरसात के मौसम में करंट फैलने तार टूटने या पोल गिरने जैसी घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है जिससे पूरे मोहल्ले की सुरक्षा दांव पर लग गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन बिजली विभाग और संबंधित ठेकेदार की होगी। लोगों ने सवाल उठाया है कि जब यह लाइन सिर्फ एक निजी राइस मिल को फायदा पहुंचाने के लिए बिछाई जा रही है तो आम जनता की जान को जोखिम में क्यों डाला जा रहा है। क्या प्रशासन और विभागीय अधिकारी निजी लाभ के आगे जनता की सुरक्षा को गौण मान चुके हैं?
क्षेत्रवासियों का यह भी आरोप है कि बार-बार शिकायतों और मौखिक आपत्तियों के बावजूद प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण करने तक को तैयार नहीं हैं। इससे विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। लोगों का कहना है कि यह महज लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है जिसमें आम नागरिकों की जान को दांव पर लगाया जा रहा है।
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध और जानलेवा कार्य को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। एनएच की अनुमति के बिना कराए गए कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों ठेकेदार तथा राइस मिल मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही लाइन को सुरक्षित मानकों के अनुरूप वैकल्पिक मार्ग से ले जाने या पूरी तरह निरस्त करने की मांग भी की गई है।
लोगों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस गंभीर मामले पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे। डभौरा में यह मुद्दा अब केवल बिजली लाइन का नहीं बल्कि जनता की सुरक्षा प्रशासनिक जवाबदेही और खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बनता जा रहा है।





