उत्तर प्रदेश

हेमंत जैन ने दाऊद इब्राहिम की दुकान का मालिकाना हक आखिरकार हासिल किया

मुंबई के लाहरी कंपाउंड के निवासी हेमंत जैन ने 20 सितंबर 2001 को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की दुकान को नीलामी में खरीदा था, लेकिन 23 साल बाद, 19 दिसंबर 2024 को आखिरकार उन्हें इस संपत्ति पर मालिकाना हक मिला। इस संपत्ति को जब उन्होंने अपना नाम दर्ज कराया, तो वह 21 जनवरी को मुंबई जाकर दुकान का शारीरिक कब्जा लेने के लिए तैयार हैं।

दाऊद की संपत्ति के लिए संघर्ष की शुरुआत

हेमंत जैन ने 2001 में एक समाचार पत्र में दाऊद इब्राहीम की संपत्ति के बारे में एक खबर पढ़ी थी जिसमें कहा गया था कि इस संपत्ति के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा था। इस खबर को पढ़ने के बाद हेमंत जैन ने मुंबई के चर्च गेट स्थित आयकर विभाग के कार्यालय में जाकर दाऊद इब्राहीम की 114 फीट जमीन को 2 लाख रुपये में खरीद लिया। लेकिन, इसके बाद भी मालिकाना हक प्राप्त करने में उन्हें 23 साल का लंबा संघर्ष करना पड़ा।

आयकर विभाग और मुंबई पुलिस से संघर्ष

हेमंत जैन ने बताया कि संपत्ति खरीदने के बाद उन्हें आयकर विभाग और मुंबई पुलिस के कई उच्च अधिकारियों के पास बार-बार दौड़ना पड़ा। जैन के अनुसार, कुछ तकनीकी समस्याएं थीं जिनके कारण आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा संपत्ति के मालिकाना हक को स्थगित किया गया था। इसके साथ ही, सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी भी सहयोग नहीं कर रहे थे।

हेमंत जैन को कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखने पड़े और इन अधिकारियों से संपर्क करना पड़ा। इस लंबी प्रक्रिया में उन्हें कई बार निराशा हाथ लगी, लेकिन वह लगातार संघर्ष करते रहे।

मुंबई उच्च न्यायालय में पांच साल लंबा केस

हेमंत जैन ने इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में पांच साल तक मुकदमा लड़ा। जैन ने बताया कि यह कानूनी लड़ाई बहुत ही कठिन थी और उन्हें न्यायालय से भी राहत नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कोशिशों को जारी रखा।

हेमंत जैन ने दाऊद इब्राहिम की दुकान का मालिकाना हक आखिरकार हासिल किया

संपत्ति पर कब्जा प्राप्त करने के लिए और भी खर्च

जब जैन को न्यायालय से सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने आयकर विभाग के विभिन्न खंडों में 1.54 लाख रुपये और जमा किए। यह कदम उन्होंने संपत्ति पर अधिकार प्राप्त करने के लिए उठाया। हालांकि, इस दौरान दाऊद इब्राहीम के लोग इस संपत्ति पर कब्जा किए हुए थे। जैन ने बताया कि दाऊद के आदमी अभी भी दुकान पर कब्जा किए हुए थे, और अब वह 21 जनवरी 2024 को इस संपत्ति पर शारीरिक कब्जा लेने के लिए मुंबई जाने वाले हैं।

आखिरकार मिली सफलता

नौकरी के साथ-साथ, जैन के लिए यह संघर्ष एक व्यक्तिगत यात्रा बन चुका था। कई बार उन्हें लगता था कि उनका संघर्ष बेकार जा रहा है, लेकिन आखिरकार 23 साल बाद वह उस संपत्ति के मालिक बन गए जो कभी दाऊद इब्राहीम की थी। इस लंबी लड़ाई के बाद जैन के चेहरे पर संतोष था, और अब वह अपनी मेहनत के फल को पाने के लिए तैयार हैं।

संपत्ति की स्थिति और आगामी कदम

अब जब जैन को अपनी संपत्ति पर मालिकाना हक मिल गया है, तो वह 21 जनवरी 2024 को मुंबई पहुंचकर दुकान का शारीरिक कब्जा लेने वाले हैं। इस दौरान वह इस संपत्ति का उपयोग किस प्रकार करेंगे, इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, वह इस प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

दाऊद इब्राहीम की संपत्तियों पर नियंत्रण

दाऊद इब्राहीम, जो भारत में सबसे बड़ा अंडरवर्ल्ड डॉन माने जाते हैं, कई वर्षों से अपनी संपत्तियों के जरिए अपनी ताकत बनाए हुए हैं। यह संपत्तियां केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैली हुई हैं। दाऊद की संपत्तियों के संबंध में कई कानूनी और प्रशासनिक मुद्दे सामने आते रहे हैं, जिनमें से यह एक महत्वपूर्ण मामला है।

हेमंत जैन की पहल पर सरकार और पुलिस का सहयोग

हेमंत जैन के मामले में यह भी देखा गया कि जब उन्होंने अपने संघर्ष को गति दी और अधिकारों की लड़ाई लड़ी, तो सरकार और पुलिस विभाग ने भी इस पर ध्यान देना शुरू किया। हालांकि, पहले यह पूरी प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही थी, लेकिन जैन के लगातार प्रयासों के कारण संबंधित अधिकारी अंततः कार्यवाही करने को मजबूर हुए।

हेमंत जैन का यह संघर्ष केवल एक संपत्ति के लिए नहीं था, बल्कि यह एक व्यक्ति की दृढ़ इच्छाशक्ति और न्याय की ओर उसकी यात्रा का प्रतीक बन चुका था। 23 साल का लंबा समय, कई कानूनी लड़ाइयां, और अधिकारियों से निपटना, जैन के लिए बहुत कठिन था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अब, वह दाऊद इब्राहीम की दुकान के मालिक बन चुके हैं, और 21 जनवरी को वह इस संपत्ति पर कब्जा लेने के लिए मुंबई जाएंगे। यह उनके संघर्ष की विजय और असंभव को संभव बनाने की कहानी है।

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