कोरबा में दिल दहला देने वाली घटना, रौशनी साहू की आत्महत्या से परिवार गमगीन!

छत्तीसगढ़ के SECL गेवरा में INTUC नेता और कल्याण बोर्ड सदस्य सीताराम साहू की बेटी रोशनी साहू (29) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त वह घर में अकेली थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और शुरुआती जांच में पारिवारिक कलह को आत्महत्या की वजह माना जा रहा है।
घटना का पूरा विवरण
INTUC (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) के नेता और श्रम कल्याण बोर्ड के सदस्य सीताराम साहू की बेटी रोशनी साहू ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। मंगलवार, 11 मार्च को जब उनके पिता किसी काम से बाहर गए हुए थे, तब रोशनी ने यह कदम उठाया।
शाम को जब सीताराम साहू घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। जब उन्होंने अपनी बेटी को कई बार आवाज दी और दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने पड़ोसियों की मदद से पीछे के दरवाजे से घर में प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देखकर वे स्तब्ध रह गए। रोशनी का शव पंखे से लटका हुआ था।
जैसे ही घटना की खबर फैली, आसपास के लोग बड़ी संख्या में घर पर इकट्ठा हो गए। तुरंत दीपका पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए NCH अस्पताल गेवरा भेज दिया।
आखिरी बातचीत और घटना की समयरेखा
जानकारी के मुताबिक, घटना से कुछ घंटों पहले, दोपहर 3 बजे रोशनी और उनके पिता के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई थी। उस वक्त सबकुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन शाम को जब पिता घर लौटे और दरवाजा अंदर से बंद पाया, तब उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई।
दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर रोशनी का शव पंखे से लटका मिला। पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की गई।
वैवाहिक जीवन में परेशानियां बनी आत्महत्या की वजह?
सूत्रों के अनुसार, रोशनी साहू की शादी लगभग 3-4 साल पहले हुई थी। हालांकि, शादी के एक साल बाद ही वह अपने ससुराल से लौट आई और अपने माता-पिता के साथ रहने लगी।
कहा जा रहा है कि शादी के बाद से ही ससुराल में उसे प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी। पारिवारिक तनाव के चलते कई बार परिवार के सदस्यों ने आपसी बातचीत से समस्या का हल निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
लगातार मानसिक तनाव के कारण रोशनी अवसाद में चली गई थी। पुलिस को शक है कि इन्हीं परिस्थितियों के कारण उसने आत्महत्या करने का कठोर कदम उठाया होगा।
घटना के बाद इलाके में मातम
रोशनी की आत्महत्या की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोग और पड़ोसी इस दुखद घटना को लेकर सदमे में हैं। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर रोशनी ने इतनी बड़ी और कठोर निर्णय क्यों लिया।
परिवार के सदस्य और रिश्तेदार इस बात से स्तब्ध हैं कि जब सबकुछ सामान्य लग रहा था, तब रोशनी ने अचानक यह कदम कैसे उठा लिया।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
दीपका पुलिस थाना प्रभारी प्रेम साहू ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए हैं, और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या रोशनी को ससुराल से किसी तरह का मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के असली कारणों का पता चल सकेगा।
परिवार और समाज को क्या सीख मिलती है?
इस तरह की घटनाएं समाज के लिए एक चेतावनी हैं कि मानसिक तनाव और घरेलू प्रताड़ना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वे मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है, तो उसे उचित परामर्श और सहयोग दें।
इसके अलावा, सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चाहिए कि वे घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लें ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
रोशनी साहू की आत्महत्या ने एक बार फिर समाज में महिलाओं के प्रति घरेलू उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अगर समय रहते रोशनी को उचित सहयोग और काउंसलिंग मिलती, तो शायद आज वह जिंदा होती।
पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आत्महत्या के पीछे की असली वजह सामने आएगी।