मध्य प्रदेश

“वह चुनावों के दौरान भावुक कार्ड खेलते हैं…” किलाश विजयवर्गीय का शरद पवार पर तंज, चुनावी राजनीति से संन्यास की दी थी हिंट

भारतीय राजनीति में हर दिन नए घटनाक्रम होते रहते हैं। हाल ही में, महाराष्ट्र के शरद पवार ने यह घोषणा की थी कि वह अब आगे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे, न ही विधायक और न ही सांसद के रूप में। यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया। अब इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और मध्यप्रदेश के मंत्री किलाश विजयवर्गीय ने प्रतिक्रिया दी है, और शरद पवार के चुनावी राजनीति से संन्यास के इरादे पर तंज कसा है। विजयवर्गीय ने इसे एक भावुक कार्ड के रूप में देखा है, जिसे चुनावों के समय राजनीतिक लाभ के लिए खेला जाता है।

शरद पवार का चुनावी राजनीति से संन्यास का संकेत

शरद पवार, जो राष्ट्रीय जनता पार्टी (NCP) के प्रमुख और महाराष्ट्र की राजनीति के एक बड़े नाम हैं, ने मंगलवार को यह बयान दिया था कि वह अब आगे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा था, “मैं अब सरकार में नहीं हूं। मेरे राज्यसभा कार्यकाल में अभी डेढ़ साल बाकी हैं, इसके बाद यह सोचना होगा कि मुझे राज्यसभा में जाना चाहिए या नहीं। मैं अब चुनाव नहीं लूंगा। मैंने अब तक चौदह चुनाव लड़े हैं। अब मैं लोगों की समस्याओं को हल करना चाहता हूं। अगर हमारी विचारधारा वाली सरकार सत्ता में आती है, तो हम उसके समर्थन में मजबूती से खड़े रहेंगे।”

शरद पवार के इस बयान के बाद कई राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ ने इसे उनकी उम्र और सेहत के कारण एक स्वाभाविक निर्णय बताया, जबकि कुछ ने इसे चुनावी राजनीति से एक प्रकार का ‘भावुक कार्ड’ माना।

किलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया

बीजेपी नेता किलाश विजयवर्गीय ने शरद पवार के चुनावी राजनीति से संन्यास के संकेत पर कहा, “वह चुनावों के दौरान भावुक कार्ड खेलते हैं। लोकसभा चुनावों के समय भी उन्होंने यही किया था। उन्होंने फिर से यह चुनावी खेल खेला है, और बाद में वह राजनीति करते रहते हैं।” विजयवर्गीय का कहना था कि शरद पवार जैसे बड़े नेता का इस प्रकार का बयान चुनावों के दौरान जनता को भावुक करने और खुद को एक संतुलित नेता के रूप में पेश करने के लिए होता है।

"वह चुनावों के दौरान भावुक कार्ड खेलते हैं..." किलाश विजयवर्गीय का शरद पवार पर तंज, चुनावी राजनीति से संन्यास की दी थी हिंट

किलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि शरद पवार ने चुनावों के दौरान इस प्रकार के बयान देने की रणनीति अपनाई है। यह बयान एक प्रकार से उनके द्वारा अपने राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश होती है, और यह उन्हें एक संवेदनशील और जिम्मेदार नेता के रूप में पेश करता है। विजयवर्गीय ने इसे एक राजनीतिक चाल बताया और कहा कि पवार का यह बयान जनता को प्रभावित करने के लिए होता है, ताकि चुनाव के समय उनका समर्थन बना रहे।

राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया

किलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में राहुल गांधी के एक बयान पर भी प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को समाप्त करने का प्रयास करेगी। विजयवर्गीय ने इस पर तंज कसते हुए कहा, “राजनीति और ड्रामा दो अलग-अलग चीजें हैं। ड्रामा राजनीति में सफल नहीं हो सकता। राहुल गांधी में गंभीरता का अभाव है, और यही कारण है कि जनता उन्हें एक नेता के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रही है।”

विजयवर्गीय ने आगे कहा कि बीजेपी आरक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन राहुल गांधी जो राजनीति कर रहे हैं, वह समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि राहुल गांधी जाति जनगणना पर राजनीति कर रहे हैं, जो समाज को विभाजित करने वाली एक चाल है। विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि समाज में एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए हमें समाज को जातिवाद से ऊपर उठकर देखना होगा।

मध्यप्रदेश में महिलाओं के आरक्षण पर विजयवर्गीय का बयान

मध्यप्रदेश में महिलाओं के आरक्षण को लेकर किलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि बीजेपी हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती रही है। उन्होंने कहा, “2014 के बाद से हम महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाते आ रहे हैं। हमारे लिए महिलाएं सम्माननीय हैं, लेकिन विपक्ष के लिए महिलाएं महज एक वस्तु हैं।”

विजयवर्गीय का यह बयान विपक्ष पर एक कड़ा हमला था, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि विपक्ष महिलाओं के अधिकारों की बात करने में दोहरे मानक अपनाता है। बीजेपी ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, और मध्यप्रदेश में भी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। विजयवर्गीय का यह कहना था कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो समाज भी सशक्त बनता है और यह बीजेपी का विश्वास है।

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