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Gautam Adani: सरकार को मिला तगड़ा फायदा, अडानी ग्रुप ने भर दिए हजारों करोड़ रुपए

अडानी ग्रुप की कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार को ₹74,945 करोड़ टैक्स के रूप में अदा किए हैं। ये आंकड़ा पिछले साल यानी 2023-24 में भरे गए ₹58,104 करोड़ से 29 प्रतिशत ज्यादा है। इस बड़ी रकम में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के साथ-साथ कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े योगदान भी शामिल हैं। ग्रुप का कहना है कि जितनी राशि इस बार टैक्स में दी गई है उतनी रकम से मुंबई मेट्रो का पूरा नेटवर्क खड़ा किया जा सकता है या ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन कराए जा सकते हैं।

कंपनियों ने किस तरह से किया योगदान

इस ₹74,945 करोड़ में से ₹28,720 करोड़ प्रत्यक्ष टैक्स के रूप में जमा किए गए हैं जबकि ₹45,407 करोड़ अप्रत्यक्ष टैक्स में दिए गए। इसके अलावा ₹818 करोड़ अन्य योगदानों में दिए गए हैं। अडानी ग्रुप ने बताया कि इसके सात लिस्टेड कंपनियों ने इस आंकड़े में अपनी हिस्सेदारी दी है। इनमें अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड (AEL), अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ), अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL), अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड, अडानी पावर लिमिटेड, अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड शामिल हैं।

Gautam Adani: सरकार को मिला तगड़ा फायदा, अडानी ग्रुप ने भर दिए हजारों करोड़ रुपए

इन कंपनियों का भी जोड़ा गया टैक्स डेटा

अडानी ग्रुप ने अपने बयान में कहा कि यह आंकड़ा सात लिस्टेड कंपनियों के स्वतंत्र वार्षिक रिपोर्ट पर आधारित है। इसके साथ ही तीन और कंपनियों—NDTV, ACC और सांगही इंडस्ट्रीज—का टैक्स डेटा भी इसमें जोड़ा गया है। ये तीनों कंपनियां इन सात बड़ी कंपनियों की सहायक कंपनियां हैं। अडानी ग्रुप के अनुसार इन सभी कंपनियों ने सरकार के खजाने में महत्वपूर्ण योगदान देकर देश की आर्थिक मजबूती में भागीदारी निभाई है।

टैक्स से क्या हो सकते हैं काम?

₹74,945 करोड़ जैसी बड़ी राशि से देश में कई बड़े प्रोजेक्ट्स को अंजाम दिया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर इस पैसे से पूरे मुंबई मेट्रो नेटवर्क को खड़ा किया जा सकता है जिसे लाखों लोग हर रोज इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं इस रकम से ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन भी संभव हो सकते हैं। अडानी ग्रुप का यह टैक्स योगदान न केवल उनके व्यवसाय की बढ़ती सफलता को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि निजी क्षेत्र सरकार की आर्थिक नीतियों को मजबूती देने में कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

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