रायपुर में हुआ डिजिटल भविष्य का शिलान्यास—अब हर कदम होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से!

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित सेक्टर-22 में देश के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा सेंटर पार्क की आधारशिला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार 3 मई को रखी। यह पार्क कुल 13.5 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है जिसमें से 2.7 हेक्टेयर भूमि को विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी SEZ के रूप में तैयार किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट रैक बैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा जो पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवाओं को समर्पित रहेगा। पहले चरण में इसकी क्षमता 5 मेगावॉट होगी जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 150 मेगावॉट तक ले जाया जाएगा। भविष्य में इसमें लगभग 2000 करोड़ रुपये का और निवेश संभावित है। इस पार्क को पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरित और ऊर्जा दक्ष तकनीक के अनुसार डिजाइन किया गया है।
एक ही छत के नीचे मिलेगी अत्याधुनिक तकनीकी सेवाएं
यह डेटा सेंटर न केवल स्टोरेज और प्रोसेसिंग की सुविधा देगा बल्कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हेल्थटेक, डिफेंस, फिनटेक और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करेगा। यहां GPU आधारित हाई-एंड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रिकॉर्डिंग, लाइव डेटा स्ट्रीमिंग और एआई प्रोसेसिंग जैसी विश्व स्तरीय तकनीकें मौजूद रहेंगी। इसका मतलब है कि जो सेवाएं अब तक देश के बड़े शहरों तक ही सीमित थीं वे अब छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में उपलब्ध होंगी। इसके चलते राज्य तकनीकी रूप से न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि पूरे देश को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध करा सकेगा। इससे छत्तीसगढ़ के तकनीकी परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार और तकनीकी अवसर
इस प्रोजेक्ट के जरिए सीधे तौर पर 500 लोगों को और अप्रत्यक्ष रूप से 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। खास बात यह है कि इसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके जरिए अब छत्तीसगढ़ के नौजवानों को आईटी और तकनीकी करियर के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अब अपने राज्य में ही आधुनिक तकनीकों से काम कर सकेंगे और ग्लोबल प्रोजेक्ट्स पर हिस्सा ले सकेंगे। यह अवसर सिर्फ नौकरी नहीं देगा बल्कि नवाचार यानी इनोवेशन और स्टार्टअप्स की नई लहर भी पैदा करेगा। छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए यह एक नया तकनीकी युग शुरू करने जैसा होगा।
किसान और आदिवासी समाज को भी मिलेगा डिजिटल लाभ
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के युवा, किसान और आदिवासी समाज को सीधे लाभ मिलेगा। किसानों को स्मार्ट कृषि, सटीक मौसम जानकारी और बेहतर फसल प्रबंधन में एआई तकनीक की मदद मिलेगी जिससे उनकी मेहनत के बेहतर परिणाम मिलेंगे। वहीं आदिवासी क्षेत्रों तक अब शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाएं डिजिटल माध्यम से आसानी से पहुंच सकेंगी। यह केंद्र छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाएगा और डिजिटल इंडिया का दिल बना देगा। अब छत्तीसगढ़ सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि तकनीक की नई राजधानी बनने जा रहा है।