dhan kharidi kendra.धान खरीदी केंद्र गुढ़ और भैरव बाबा केंद्र में किसानों के साथ जमकर की जा रही लूट
खरीदी केंद्रों में किसानो से ली जा रही 41 किलोग्राम वजन तथा किसानों को देना पड़ता है तौलाई का 17 रुपये प्रति क्विंटल
Mp News.जिले भर में इन दिनों सहकारी समितियों के द्वारा किसानों के धान की खरीदी की जा रही है तथा तकन सिस्टम के माध्यम से किसानों को राहत देने की कोशिश भी प्रशासन ने भरपूर की है परंतु वहीं शासन ने बिना किसी परेशानी के ही किसानों के धान की तुलाई कराने की व्यवस्वा बनाई है जिसके तहत धान की खरीदी का काम जोरों पर है ऐसे में खरीदी केंद्रों में भारी मात्रा में धान रखी गई है जिससे किसानों को उनकी धान का सही भुगतान शासन स्तर पर किया जा सके लेकिन सेवा सहकारी समिति गुढ़ क्रमांक-2 खरीदी स्थल भैरव बाबा वेयर हाउस और सेवा सहकारी समिति गुढ़ क्रमांक-1 स्थल तहसील कार्यालय गुढ़ के बगल में संचालित खरीदी केंद्र के समिति प्रबंधक और उनके प्रभारियों के द्वारा किसानों के साथ लूट की जा रही है।
बताया जा रहा है कि समिति में किसानों से 41 किलोग्राम से ज्यादा वजन लिया जा रहा है जबकि नियम के तहत महज 40 किलो 600 ग्राम ही लेना चाहिए। इसके साथ ही तौलाई का 17 रुपये प्रति क्विंटल के दर से रुपए भी किसानों को देना पड़ता है। मगर शासन स्तर पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे जिले भर में हो रही खरीदी से किसान परेशान हैं।
इस सम्बंध में जब समिति प्रबंधक से कहा गया कि इतना वजन क्यो लिया जा रहा है तो उनका साफ साफ कहना है कि कलेक्टर रीवा के निरीक्षण के दौरान ही मैंने 40 किलो 800 ग्राम लिए है लेकिन उनके द्वारा कुछ नही कहा गया। ये बात सही है या गलत ये कलेक्टर रीवा ही बता सकती है कि कितना वजन लेना है। बता दे कि शासन के नियमानुसार शनिवार और रविवार को खरीदी बन्द का भी प्रबंधन किया गया है लेकिन खरीदी स्थल गुढ़ और भैरव बाबा वेयर हाउस में शनिवार को भी खरीदी चालू रही।
सवाल यही की ये अनुमति अकेले क्या इन दोनों खरीदी केंद्रों को मिली है कि जिले के सभी खरीदी को है जबकि कई खरीदी केंद्रों में देखा गया कि खरीदी बंद थी।
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समिति प्रबंधक और प्रभारी के द्वारा किसानों से सेटलमेंट कर जिला कलेक्टर के आदेशों को दरकिनार खरीदी की जा रही थी इसी वजह से डायरेक्ट बिना चेक किये बोरी से बोरी की पलटी की जाती है और वहा पर नियुक्त सर्वेयर तमाशा देखते रहते है।